भरतपुर में अधिवक्ताओं का आंदोलन 23वें दिन भी जारी, न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण की मांग

भरतपुर बार एसोसिएशन के बैनर तले न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का आंदोलन गुरुवार को 23वें दिन भी बिना रुके जारी रहा। तय कार्यक्रम के तहत अधिवक्ताओं ने सांकेतिक भूख हड़ताल कर विरोध दर्ज कराया। आंदोलनकारी अधिवक्ताओं ने एक बार फिर न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग उठाई।
धरना स्थल पर वरिष्ठ अधिवक्ताओं रूपेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह मदेरणा, हरकेश सिंह, गांधीदेव, अशोक सहना, ज्ञान सिंह व के.के. दुबे ने भूख हड़ताल पर बैठकर विरोध दर्ज कराया। संघर्ष और एकता के नारों से न्यायालय परिसर गूंजता रहा।
धरने में अधिवक्ताओं की एकजुटता भी देखने को मिली। अधिवक्ता शशि बंसल, प्रभारानी, श्वेता यादव, हेमराज शर्मा, किशन सिंह, उत्तम पोहिया, भूपेंद्र सिंह नीरपाल, सुरेश गुप्ता, रामेश्वर शर्मा, यदुवीर सिंह डागुर और बल्देव जोनवाल समेत कई वकीलों ने धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन जताया।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष गांधीदेव ने आरोप लगाया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश केशव कौशिक, वाहन दुर्घटना वाद न्यायाधीश सीमा जुनेजा और सिविल न्यायाधीश कमला बायला अधिवक्ताओं को धमकी देकर पत्रावली में अवैधानिक आदेश पारित करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने चेताया कि यदि जल्द ही कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ, तो अधिवक्ता उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष रूपेंद्र सिंह ने बताया कि आंदोलन की आगामी रणनीति पर चर्चा के लिए शुक्रवार सुबह 11 बजे बार सभागार में बैठक बुलाई गई है।
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