देश का सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड गिरोह पकड़ा गया, 3000 करोड़ की ठगी का खुलासा

Jul 6, 2025 - 14:29
Jul 6, 2025 - 14:33
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देश का सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड गिरोह पकड़ा गया, 3000 करोड़ की ठगी का खुलासा

भारत में साइबर ठगी का अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। थाईलैंड और कंबोडिया से संचालित होने वाले इस गिरोह ने बेंगलुरु को ठगी के पैसों की मैनेजमेंट का हब बना रखा था। गिरोह ने 100 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई थीं, जिनके जरिए करीब 3000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई।

इस नेटवर्क ने गेमिंग प्लेटफॉर्म और इन्वेस्टमेंट स्कीम के नाम पर ठगी की। पुलिस जांच में सामने आया है कि केवल एक बैंक खाते के खिलाफ ही 5000 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं, फिर भी वह खाता फ्रीज नहीं किया गया। पुलिस अब तक 26 फर्जी कंपनियों के बैंक खाते जांच चुकी है, जिनमें से सिर्फ 4 के माध्यम से ही 400 करोड़ से अधिक के ट्रांजेक्शन हो चुके हैं।

इस खुलासे की शुरुआत अप्रैल 2025 में धौलपुर के बाड़ी थाने में एक शिक्षक द्वारा दर्ज कराई गई FIR से हुई, जिन्होंने 15 लाख रुपए की ठगी की शिकायत की थी। पुलिस जांच करते हुए ‘एबुंडेंस’ नाम की मूल कंपनी तक पहुंची, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है और जो ‘TriPay’ नाम से पेमेंट ऐप चलाती है।

गिरोह चार हिस्सों में बंटा था:

  1. ऑनबोर्डिंग टीम – फर्जी कंपनियां और खाते खुलवाना।

  2. रीसेलर टीम – दस्तावेज़ सत्यापन और वेरिफिकेशन एजेंट को मैनेज करना।

  3. टेक्निकल टीम – QR कोड जनरेट कर ठगी को अंजाम देना।

  4. लीगल टीम – विवाद व शिकायतों को सुलझाना।

गिरफ्तार डायरेक्टर रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि वह हर दिन करीब 1 करोड़ रुपए ठगी की रकम को फर्जी कंपनियों से मुख्य खाते में ट्रांसफर करता था।

चौंकाने वाले मामले:

  • ‘रुकनैक’ कंपनी का 6 माह में 100 करोड़ का टर्नओवर था, लेकिन इसके डायरेक्टर दिल्ली की कच्ची बस्ती में 27,000 रुपये महीने पर रह रहे थे।

  • ‘जोविक’ नामक कंपनी की एक महिला निदेशक पहले उसी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड थी।

आईजी भरतपुर रेंज राहुल प्रकाश ने बताया कि यह गिरोह कई राज्यों और देशों में फैला हुआ है। यह घोटाला वर्तमान में सामने आई रकम से कहीं ज्यादा बड़ा हो सकता है। इसलिए राज्य या केंद्र स्तर की बड़ी एजेंसी से जांच करवाने की सिफारिश की गई है।

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Bhupendra Singh Jatav Bhupendra Singh Jatav is a dedicated journalist associated with Mission Ki Awaaz. With a strong passion for grassroots reporting, he focuses on stories that highlight the realities of marginalized communities, socio-political issues, and regional developments often overlooked by mainstream media. His commitment to ethical journalism and fearless storytelling has made him a trusted voice among readers seeking truth beyond the headlines. At Mission Ki Awaaz, Bhupendracontinues to uphold the values of independent, impact-driven journalism.