भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 25 जून को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 25 जून को Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे। भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए ऐतिहासिक मिशन।

Jun 23, 2025 - 22:54
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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 25 जून को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे

नई दिल्ली, 24 जून 2025: भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला जल्द ही एक्सिओम स्पेस के Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर रवाना होंगे। इस ऐतिहासिक मिशन की लॉन्चिंग 25 जून को भारतीय समयानुसार सुबह 12:01 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से की जाएगी।

इस मिशन में स्पेसएक्स का अत्याधुनिक फाल्कन-9 रॉकेट और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का उपयोग किया जाएगा। अंतरिक्ष यात्री लगभग 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और अनुसंधानों में भाग लेंगे।

छह बार टल चुका है मिशन, अब लॉन्चिंग तय

Axiom-4 मिशन को पहले 29 मई 2025 को लॉन्च किया जाना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण इसकी तारीख छह बार बदली गई। अब नासा और स्पेसएक्स दोनों ने इसकी लॉन्चिंग को हरी झंडी दे दी है। शुभांशु शुक्ला के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री भी इस मिशन का हिस्सा होंगे।

राकेश शर्मा के बाद नई उड़ान

भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत संघ के अंतरिक्ष मिशन 'सोयूज टी-11' के ज़रिए अंतरिक्ष की यात्रा की थी। उनकी ऐतिहासिक उड़ान "सारे जहाँ से अच्छा" जैसे शब्दों से याद की जाती है। अब, चार दशक बाद, शुभांशु शुक्ला एक निजी अंतरिक्ष मिशन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेंगे, जिससे भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है।

भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त

Axiom-4 जैसे मिशनों से न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान को बल मिलता है, बल्कि भविष्य में होने वाले मानव मिशनों — जैसे चंद्रमा और मंगल पर — के लिए भी यह नींव का काम करते हैं। निजी कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के बीच सहयोग से स्पेस सेक्टर अब तेजी से ग्लोबल कॉमर्शियल इंडस्ट्री बनता जा रहा है।

मिशन की प्रमुख विशेषताएं:

  • मिशन का नाम: एक्सिओम-4 (Axiom-4)
  • भारतीय अंतरिक्ष यात्री: शुभांशु शुक्ला
  • लॉन्च डेट: 25 जून 2025 (भारतीय समयानुसार सुबह 12:01 बजे)
  • स्थान: केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा, अमेरिका
  • लॉन्च व्हीकल: स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट
  • स्पेसक्राफ्ट: ड्रैगन कैप्सूल
  • अवधि: लगभग 14 दिन
  • उद्देश्य: वैज्ञानिक प्रयोग, अनुसंधान, और व्यावसायिक स्पेस मिशन का अनुभव

भारत में उत्साह का माहौल - 

Axiom-4 मिशन की घोषणा के साथ ही भारत में जनता, मीडिया, वैज्ञानिक समुदाय और विद्यार्थियों में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी है। सोशल मीडिया पर लोग शुभांशु को शुभकामनाएं दे रहे हैं और अंतरिक्ष मिशन से जुड़ी जानकारी शेयर कर रहे हैं। स्कूलों और कॉलेजों में भी अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

शुभांशु शुक्ला क्या करेंगे अंतरिक्ष में?

अंतरिक्ष में शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम द्वारा जैव चिकित्सा, माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव, और स्पेस टेक्नोलॉजी से संबंधित कई वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे। इसके अलावा, यह मिशन भविष्य में होने वाले दीर्घकालिक अंतरिक्ष अभियानों की नींव भी तैयार करेगा।

शुभांशु शुक्ला की उड़ान भारत के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रही है। यह मिशन केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्र की वैज्ञानिक सोच, आत्मनिर्भरता और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा का भी प्रतीक है। हंगरी, पोलैंड और भारत—तीनों देशों के लिए Axiom-4 मिशन एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक मील का पत्थर बनने जा रहा है।

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Jitendra Meena Jitendra Meena is a senior journalist and writer, he is also the Editor of Mission Ki Awaaz, Jitendra Meena was born on 07 August 1999 in village Gurdeh, located near tehsil Mandrayal of Karauli district of Rajasthan ( India ). Contact Email : Jitendra@MissionKiAwaaz.in