बिहार की 15 राजनीतिक पार्टियों पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर, जल्द हो सकती है मान्यता रद्द
बिहार की 15 निष्क्रिय राजनीतिक पार्टियों पर चुनाव आयोग की कार्रवाई संभव। 2019 से अब तक नहीं लड़ा कोई चुनाव, मान्यता रद्द हो सकती है।

Bihar News : बिहार की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। राज्य की 15 निबंधित राजनीतिक पार्टियों का भविष्य अब भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के हाथों में है। इन सभी दलों के खिलाफ आयोग ने सख्त रुख अपनाया है क्योंकि ये पार्टियां पिछले छह वर्षों से पूरी तरह निष्क्रिय रही हैं और किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है।
2019 से कोई चुनाव नहीं लड़ा -
चुनाव आयोग ने उन राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने 2019 से लेकर अब तक न तो कोई चुनाव लड़ा है और न ही कोई राजनीतिक गतिविधि दिखाई है। आयोग ने सभी दलों को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), बिहार के समक्ष स्थिति स्पष्ट करने का अवसर दिया था। हालांकि, अधिकांश दलों ने नोटिस का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा ।
सीईओ कार्यालय ने भेजी रिपोर्ट -
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने सभी निष्क्रिय दलों के खिलाफ विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर चुनाव आयोग को सौंप दी है। अब चुनाव आयोग इन दलों के भविष्य को लेकर अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया में है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इन दलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत मिलती हैं सुविधाएं
इन पार्टियों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) के तहत कई सुविधाएं प्राप्त होती हैं। लेकिन अगर कोई पार्टी लंबे समय तक निष्क्रिय रहती है तो आयोग को यह अधिकार है कि वह उनकी मान्यता और लाभ वापस ले सकता है।
15 निष्क्रिय दलों पर कार्रवाई की तैयारी -
नीचे उन 15 राजनीतिक दलों की सूची दी गई है, जिनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार की गई है:
- भारतीय आवाम एक्टिविस्ट पार्टी
- भारतीय जागरण पार्टी
- भारतीय युवा जनशक्ति पार्टी
- एकता विकास महासभा पार्टी
- गरीब जनता दल (सेक्युलर)
- जय जनता पार्टी
- जनता दल हिंदुस्तानी
- लोकतांत्रिक जनता पार्टी (सेक्युलर)
- मिथिलांचल विकास मोर्चा
- राष्ट्रवादी युवा पार्टी
- राष्ट्रीय सद्भावना पार्टी
- राष्ट्रीय सदाबहार पार्टी
- वसुधैव कुटुंबकम पार्टी
- वसुंधरा जन विकास दल
- यंग इंडिया पार्टी
पहले भी हुई है कार्रवाई -
यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ने निष्क्रिय पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की हो। पिछले महीने भी कई राजनीतिक दलों को सूची से बाहर किया गया था। अब इन 15 दलों पर भी वैसी ही कार्रवाई की संभावना है।
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