सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: जमानत याचिकाओं पर दो महीने में फैसला जरूरी, अदालतों को निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत और अग्रिम जमानत याचिकाओं पर फैसला दो महीने में करने का निर्देश देते हुए कहा कि देरी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत के मामलों का लंबे समय तक लंबित रहना दंड प्रक्रिया संहिता के उद्देश्य को कमजोर करता है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी का उल्लंघन करता है. सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को देश भर के उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि जमानत और अग्रिम जमानत के आवेदनों पर फैसला दाखिल होने के 2 महीने के भीतर किया जाए ।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को देश भर के उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि जमानत और अग्रिम जमानत के आवेदनों पर फैसला दाखिल होने के 2 महीने के भीतर किया जाए. न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े मामलों को न्यायिक कार्यभार के नाम पर अनिश्चित काल तक लटका कर नहीं रखा जा सकता ।
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