पूर्णिया में दर्दनाक हादसा: कारी कोसी नदी में डूबने से पांच लोगों की मौत, गांव में शोक की लहर

पूर्णिया के सुभाष नगर में कोसी नदी में डूबने से एक परिवार के पांच लोगों की दर्दनाक मौत। अवैध मिट्टी खनन से बने गड्ढों को ठहराया जा रहा जिम्मेदार। पढ़ें पूरी खबर।

Aug 23, 2025 - 13:14
 0
पूर्णिया में दर्दनाक हादसा: कारी कोसी नदी में डूबने से पांच लोगों की मौत, गांव में शोक की लहर
पूर्णिया में दर्दनाक हादसा: कारी कोसी नदी में डूबने से पांच लोगों की मौत

पूर्णिया, बिहार: बिहार के पूर्णिया जिले के कसबा प्रखंड के सुभाष नगर गांव में शुक्रवार (22 अगस्त, 2025) की शाम एक हृदय विदारक घटना ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। कारी कोसी नदी में डूबने से एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। इस दुखद हादसे ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव को गहरे सदमे में छोड़ दिया है। मृतकों में तीन पुरुष, एक महिला और एक नौ वर्षीय बच्ची शामिल हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अवैध मिट्टी खनन के कारण नदी में बने गहरे गड्ढों ने इस त्रासदी को जन्म दिया।

बच्ची को बचाने की कोशिश में डूबा पूरा परिवार

जानकारी के अनुसार, कसबा के सुभाष नगर गांव के कुम्हार टोली निवासी नौ वर्षीय गौरी कुमारी शुक्रवार शाम कोसी नदी के किनारे थी। खेलते समय उसका पैर फिसला और वह गहरे पानी में डूबने लगी। गौरी को बचाने के लिए उसका भाई सनी तुरंत नदी में कूदा, लेकिन तेज धारा और गहरे गड्ढे के कारण वह भी डूबने लगा। यह देखकर उनकी मां सुलोचना देवी (30 वर्ष) ने बेटी और बेटे को बचाने की कोशिश में नदी में छलांग लगा दी। इसके बाद परिवार के दो अन्य सदस्य, शेखर कुमार (21 वर्ष) और सचिन कुमार (18 वर्ष), भी उन्हें बचाने के लिए पानी में कूद गए। दुर्भाग्यवश, सभी पांचों लोग गहरे पानी की चपेट में आ गए और डूब गए। मृतकों में करण कुमार (21 वर्ष) भी शामिल हैं।

स्थानीय लोगों और गोताखोरों का बचाव प्रयास

हादसे की सूचना मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। स्थानीय लोग और गोताखोर तुरंत मौके पर पहुंचे और शवों को निकालने का प्रयास शुरू किया। कड़ी मशक्कत के बाद चार शव बरामद कर लिए गए, जिनकी पहचान गौरी कुमारी (9 वर्ष), सुलोचना देवी (30 वर्ष), शेखर कुमार (21 वर्ष), और सचिन कुमार (18 वर्ष) के रूप में हुई। पांचवें शव, करण कुमार, की तलाश अभी भी जारी है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए पूर्णिया के राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (GMCH) भेज दिया गया है।

अवैध मिट्टी खनन पर गुस्सा

स्थानीय लोगों ने इस त्रासदी के लिए अवैध मिट्टी खनन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि बांध निर्माण के लिए नदी से मिट्टी की खुदाई के कारण गहरे गड्ढे बन गए, जिससे नदी की धारा खतरनाक हो गई। घटना के बाद जब शवों को कसबा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) लाया गया, तो आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच

घटना की सूचना मिलते ही कसबा विधायक आफाक आलम, सर्किल ऑफिसर रीता देवी, और कसबा थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। विधायक ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और सरकार से मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पूर्णिया के डीएम अंशुल कुमार ने भी पीड़ित परिवारों को आपदा राहत उपायों के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करने का वादा किया है।

बांध निर्माण और गड्ढों की भूमिका

स्थानीय विधायक आफाक आलम ने बताया कि मदरसा चौक से महावीर चौक के बीच 5 करोड़ रुपये की लागत से बांध निर्माण का काम पिछले पांच महीनों से चल रहा है। इस निर्माण के लिए नदी से मिट्टी निकाली गई, जिससे गहरे गड्ढे बन गए। ग्रामीणों का कहना है कि इन्हीं गड्ढों के कारण नदी की धारा खतरनाक हो गई, जिसने इस हादसे को जन्म दिया।

गांव में मातम का माहौल

इस दर्दनाक हादसे ने सुभाष नगर गांव को गहरे शोक में डुबो दिया है। मृतकों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है, और पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और स्थानीय लोग इस त्रासदी से स्तब्ध हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Jitendra Meena Journalist, Editor ( Mission Ki Awaaz )