19 वर्षीय जाह्नवी डांगेटी ने रचा इतिहास, टाइटन्स स्पेस के पहले ऑर्बिटल मिशन के लिए चुनी गई एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट
भारत की युवा एस्ट्रोनॉट, जाह्नवी डांगेटी, ने 2022 में पोलैंड के एनालॉग मून मिशन को पूरा किया और अब 2029 के टाइटन्स स्पेस ऑर्बिटल मिशन के लिए चयनित हुईं।

Janhavi Dangeti : 2022 में, 19 वर्षीय जाह्नवी डांगेटी ने एक नई उपलब्धि हासिल की, जब वह दुनिया भर से चुने गए छह उम्मीदवारों में से एक बनीं, जिन्होंने पोलैंड में 12 दिन की एनालॉग मून मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह मिशन दक्षिण पोलैंड के क्राकोव स्थित एनालॉग एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (AATC) द्वारा आयोजित किया गया था। मिशन का नाम "एनालॉग एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम" था, और यह मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम था।
हालांकि यह मिशन असली चाँद पर नहीं था, जाह्नवी डांगेटी ने इस अनुभव को अपने जीवन का एक ऐतिहासिक पल बताया। अपने आत्मविश्वास से भरे बयान में उन्होंने कहा, “यह असली चाँद नहीं था लेकिन मेरे अंदर की उस छोटी सी बच्ची के लिए यह बिल्कुल चाँद ही था!” जाह्नवी की यह भावनाएं दर्शाती हैं कि उनके लिए यह मिशन कितना खास था, और यह उनकी महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक था।
( Photo Janhavi Dangeti )
इस मिशन की सफलता के बाद, जाह्नवी की यात्रा यहीं खत्म नहीं हुई। उनका करियर अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है। हाल ही में, उन्हें टाइटन्स स्पेस के पहले ऑर्बिटल मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट के रूप में चुना गया है, जो 2029 में लॉन्च होगा। यह उनके लिए एक और बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि वह अब अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने कदम और मजबूत करने के लिए तैयार हैं।
जाह्नवी डांगेटी का मिशन और महत्व:
जाह्नवी डांगेटी के इस मिशन ने ना सिर्फ़ उनके व्यक्तिगत आत्मविश्वास को बढ़ाया, बल्कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में भी युवा प्रतिभाओं की बढ़ती उपस्थिति को दर्शाया। एनालॉग मून मिशन ने उन्हें अंतरिक्ष अन्वेषण की ओर एक कदम और आगे बढ़ने का मौका दिया। इस प्रकार की परियोजनाएं युवाओं को अंतरिक्ष यात्रा के बारे में अधिक जागरूक करती हैं और उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।
जाह्नवी की उपलब्धि यह भी दिखाती है कि आज के युवा में वो साहस और सोच है, जो उन्हें किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करता है। अंतरिक्ष मिशन में युवाओं का योगदान लगातार बढ़ रहा है और यह हमें यह उम्मीद देता है कि भविष्य में ऐसे कई मिशन और सफलताएँ हमारे रास्ते में आ सकती हैं।
( Photo Janhavi Dangeti )
साहस और प्रेरणा का प्रतीक:
जाह्नवी डांगेटी की यात्रा आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। उनका मानना है कि अगर आपकी मेहनत और समर्पण सही दिशा में हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं होता। उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया कि युवा मन में अनंत संभावनाएँ होती हैं, जो सही मार्गदर्शन और समर्थन से वास्तविकता में बदल सकती हैं।
उनकी इस उपलब्धि से यह संदेश मिलता है कि अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में महिलाओं का भी उतना ही योगदान हो सकता है जितना पुरुषों का, और युवा पीढ़ी के लिए अंतरिक्ष अब केवल एक सपना नहीं, बल्कि एक अवसर बन चुका है।
( Photo Janhavi Dangeti )
आगे का सफर:
अब जब जाह्नवी डांगेटी को टाइटन्स स्पेस के पहले ऑर्बिटल मिशन के लिए चुना गया है, तो उनकी अगली बड़ी चुनौती शुरू हो चुकी है। 2029 में जब यह मिशन लॉन्च होगा, तो जाह्नवी न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण नाम बन जाएंगी। यह अद्भुत सफर हर उस युवा को प्रेरित करता है जो अपने सपनों को सच करने के लिए कठोर मेहनत और समर्पण के साथ काम करता है। जाह्नवी डांगेटी की यात्रा इस बात का उदाहरण है कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता अगर आप इसे पूरा करने के लिए दिल से कोशिश करें।
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