इस्लामपुर बना ईश्वरपुर: महाराष्ट्र सरकार ने 39 साल पुरानी मांग को दी मंजूरी
महाराष्ट्र सरकार ने सांगली जिले के इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर रखने का फैसला किया है। यह मांग 1986 से चल रही थी, जिसे 39 साल बाद मंजूरी मिली। जानें पूरी जानकारी।

महाराष्ट्र सरकार ने सांगली जिले के इस्लामपुर शहर का नाम बदलकर ईश्वरपुर रखने का निर्णय लिया है। यह ऐतिहासिक फैसला 18 जुलाई 2025 को महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन लिया गया। इस फैसले से स्थानीय निवासियों और हिंदू संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
39 साल पुरानी मांग को मिली मंजूरी
इस्लामपुर का नाम बदलने की मांग सबसे पहले 1986 में उठाई गई थी। स्थानीय शिवसेना नेता और हिंदूवादी संगठनों का कहना था कि इस शहर का नाम बदलकर पारंपरिक और सांस्कृतिक पहचान के अनुरूप होना चाहिए। शिव प्रतिष्ठान नामक संगठन ने इस मांग को लेकर हाल ही में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। सरकार ने जनभावनाओं को समझते हुए यह फैसला लिया।
महाराष्ट्र विधानसभा में हुआ ऐलान
राज्य के मंत्री छगन भुजबल ने विधानसभा में इस्लामपुर का नाम बदलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा और केंद्र से अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद इसे आधिकारिक रूप से लागू कर दिया जाएगा।
महाराष्ट्र में लगातार बदले जा रहे हैं शहरों के नाम
यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र में किसी शहर का नाम बदला गया हो। पिछले कुछ वर्षों में कई प्रमुख शहरों के नाम बदले गए हैं:
- औरंगाबाद → छत्रपति संभाजीनगर
- उस्मानाबाद → धाराशिव
- अहमदनगर जिला → पुण्यलोक अहिल्यादेवी
इन बदलावों का मकसद ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को फिर से स्थापित करना बताया गया है।
नाम बदलने की प्रक्रिया और खर्च
एक बड़े शहर का नाम बदलने में सरकार को काफी खर्च उठाना पड़ता है। सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, एक शहर का नाम बदलने में लगभग 300 करोड़ रुपये तक का खर्च आता है। इसमें रेलवे स्टेशन, सरकारी दफ्तरों, दस्तावेज़ों, साइनबोर्ड और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नाम बदलने की लागत शामिल होती है।
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