कुचायकोट विधानसभा सीट: JDU का मजबूत किला, 2025 के चुनाव में प्रशांत किशोर की एंट्री
बिहार की कुचायकोट विधानसभा सीट पर 2010 से जदयू का कब्जा, अमरेंद्र कुमार पांडे लगातार विजेता। 2025 में जनसुराज पार्टी की एंट्री से चुनावी मुकाबला रोचक होने की संभावना।

बिहार की राजनीति में गोपालगंज जिले की कुचायकोट विधानसभा सीट एक अहम भूमिका निभाती है। यह सीट राज्य की 243 विधानसभा सीटों में शामिल है और सामान्य श्रेणी में आती है। कुचायकोट, गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा सीटों में से एक है।
राजनीतिक इतिहास और जदयू का दबदबा
कुचायकोट सीट पर पिछले कई वर्षों से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का दबदबा रहा है। साल 2010 से लेकर अब तक इस सीट पर जदयू के अमरेंद्र कुमार पांडे लगातार जीतते आ रहे हैं। 2015 और 2020, दोनों विधानसभा चुनावों में उन्होंने अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर देते हुए सफलता हासिल की।
वर्ष 2020 के चुनाव में अमरेंद्र कुमार पांडे को 74,359 वोट मिले थे, जो कुल वोटों का करीब 41.2% था। इस चुनाव में कांग्रेस के काली प्रसाद पांडे दूसरे नंबर पर रहे, जिन्हें 53,729 वोट प्राप्त हुए। वहीं, आरएलएसपी की उम्मीदवार सुनीता देवी को 33,533 मत हासिल हुए थे। इससे पहले, 2015 के चुनाव में भी अमरेंद्र पांडे विजयी रहे थे, जब उन्होंने 72,224 वोट पाकर लोजपा के काली प्रसाद पांडे (68,662 वोट) को हराया था।
2025 के चुनाव में नई चुनौती
अब जब 2025 का विधानसभा चुनाव नजदीक है, तो राजनीतिक समीकरणों में नए बदलाव देखने को मिल सकते हैं। प्रशांत किशोर की अगुवाई में जनसुराज पार्टी पहली बार इस सीट पर मैदान में उतर रही है, जिससे मुकाबले के दिलचस्प होने की संभावना है। यदि जनसुराज जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत बनाने में सफल होती है, तो जदयू को पहली बार इस सीट पर कड़ी चुनौती मिल सकती है।
क्या रहेगा जनता का मूड?
कुचायकोट की जनता ने अब तक विकास और स्थिरता के नाम पर जदयू को समर्थन दिया है, लेकिन 2025 में बदलते राजनीतिक समीकरण और नए चेहरे समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं। यहां का चुनावी मंजर इस बार बेहद रोचक और चर्चा में रहने वाला है।
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