अजमेर के सेवन वंडर में मजदूर तोड़ रहे ताजमहल, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

अजमेर, राजस्थान में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए 'सेवन वंडर्स' पार्क की संरचनाएं—जैसे ताजमहल और पिरामिड—एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तोड़ी जा रही हैं। जानिए पूरी कार्रवाई और कारण।

Sep 14, 2025 - 14:34
Sep 14, 2025 - 14:35
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अजमेर के सेवन वंडर में मजदूर तोड़ रहे ताजमहल, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
Tajmahal Ajmer

अजमेर, राजस्थान । अजमेर में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर बने सेवन वंडर को तोड़ने की कार्रवाई आज तीसरे दिन भी जारी है। ताजमहल को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। सुबह से ही मजदूर ताजमहल को तोड़ने में जुटे है।

पार्क में दुनिया के सात अजूबों की प्रतिकृतियां (रिप्लिकास) बनाई गई थीं, जिनमें ताजमहल, मिस्र के पिरामिड, पिसा की मीनार, एफिल टावर, रोमन कोलोसियम, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी और क्राइस्ट द रिडीमर शामिल थे । अब तक पांच संरचनाओं को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है और बाकी को भी जल्द हटाने का प्रयास चल रहा है ।

पहले दिन (12 सितंबर) रोम के कोलोसियम को ध्वस्त किया गया। दूसरे दिन (13 सितंबर) मिस्र के पिरामिड, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी और क्राइस्ट द रिडीमर को हटाने की कार्रवाई की गई। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने आनासागर वेटलैंड में बने इन वंडर्स को अवैध घोषित किया था।

इसलिए, अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) इन 7 अजूबों को गिराने की कार्रवाई कर रहा है। इनका निर्माण साल 2022 में लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से हुआ था, और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनका उद्घाटन किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2025 में सुनवाई के दौरान अधिकारियों को फटकार लगाई थी और कहा था, “आपका काम अजमेर को स्मार्ट बनाना है, लेकिन ये निर्माण पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं.” कोर्ट ने 17 सितंबर तक पूरी सफाई का आश्वासन मांगा था, जिसके बाद यह कार्रवाई तेज हो गई ।

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Jitendra Meena Journalist, Editor ( Mission Ki Awaaz )