गुवाहाटी: वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज, राजद्रोह समेत गंभीर आरोप

वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा के खिलाफ गुवाहाटी में FIR दर्ज, जिसमें राजद्रोह समेत गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। वीडियो में असम CM हिमंता बिस्वा शर्मा पर सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगाने को लेकर मामला दर्ज किया गया।

Aug 22, 2025 - 18:20
Aug 22, 2025 - 18:26
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गुवाहाटी: वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज, राजद्रोह समेत गंभीर आरोप
Photo : Abhisar Sharma

गुवाहाटी (असम): असम के गुवाहाटी में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई एक वीडियो के प्रसारण को लेकर की गई है, जिसमें उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया है। साथ ही, उन्होंने असम और भारत सरकार के खिलाफ भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

क्या है मामला ?

यह मामला उस वीडियो से जुड़ा है, जो अभिसार शर्मा ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया था। वीडियो में अभिसार ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा पर आरोप लगाया कि वह राज्य में सांप्रदायिक राजनीति कर रहे हैं और यह राज्य की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

इस वीडियो को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है, खुद सुने

शिकायतकर्ता का कहना है कि इस वीडियो के माध्यम से अभिसार शर्मा ने न केवल मुख्यमंत्री की छवि को नुकसान पहुँचाया, बल्कि असम और केंद्र सरकार के खिलाफ भी अपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं। इस वीडियो को लेकर गंभीर विवाद खड़ा हो गया है, जिसके बाद गुवाहाटी पुलिस ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कर दी।

FIR में क्या धाराएं लगाई गईं?

FIR में अभिसार शर्मा के खिलाफ कई धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (समूहों के बीच घृणा फैलाना), धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करना), और धारा 124A (राजद्रोह) शामिल हैं। विशेष रूप से, राजद्रोह की धारा 152 को लेकर मामला और भी गंभीर हो गया है।

शिकायतकर्ता का आरोप

शिकायतकर्ता ने कहा कि अभिसार शर्मा का वीडियो असम के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने और राज्य की शांति भंग करने के उद्देश्य से बनाया गया था। उनका आरोप है कि पत्रकार ने जानबूझकर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जो असम में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे सकते थे।

राजद्रोह का आरोप: क्या है इसका महत्व?

राजद्रोह की धारा 124A भारतीय दंड संहिता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सरकार के खिलाफ विद्रोह को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए बनाई गई है। यदि इस आरोप में पत्रकार दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें लंबे समय तक सजा हो सकती है। हालाँकि, इस धारा का उपयोग अक्सर विवादास्पद होता रहा है, और इससे जुड़ी कानूनी प्रक्रियाएं पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठा सकती हैं।

असम में राजनीतिक माहौल

असम की राजनीति हाल के वर्षों में काफी सक्रिय और विवादास्पद रही है, खासकर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व में। उनकी सरकार को कई बार सांप्रदायिक राजनीति के आरोपों का सामना करना पड़ा है, और यह मामला भी उसी संदर्भ में उठाया जा रहा है। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि प्रदेश में धार्मिक और सांप्रदायिक भावनाओं का दोहन किया जा रहा है, जिससे समाज में तनाव बढ़ सकता है।

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Jitendra Meena Journalist, Editor ( Mission Ki Awaaz )