जापान : साने ताकाइची बनीं देश की पहली महिला प्रधानमंत्री

जापान ने पहली बार एक महिला को प्रधानमंत्री चुना है। साने ताकाइची की नियुक्ति देश में राजनीति और समाज में बदलाव की नई शुरुआत को दर्शाती है। जानिए उनके विचार और चुनौतियों के बारे में।

Oct 21, 2025 - 14:30
Oct 21, 2025 - 14:31
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जापान : साने ताकाइची बनीं देश की पहली महिला प्रधानमंत्री
Japan PM Sanae Takaichi

Japan News Hindi : जापान, जो अपनी तकनीक और घटती जनसंख्या के कारण दुनिया में पहचाना जाता है, ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक मोड़ लिया। देश की संसद के निचले सदन ने साने ताकाइची को प्रधानमंत्री के रूप में चुना है, जो जापान की राजनीति में एक सशक्त और रूढ़िवादी नेता के तौर पर पहचानी जाती हैं। ताकाइची की नियुक्ति जापान के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, क्योंकि यह देश में पहली बार हुआ है जब किसी महिला को देश के सबसे उच्च राजनीतिक पद पर आसीन किया गया है।

सात्सुकी कतायामा को वित्त मंत्री नियुक्ति : 

अब, संसद से मंजूरी प्राप्त करने के बाद, ताकाइची सम्राट नारुहितो से मिलकर प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगी। जापान में जहां राजनीति और व्यवसायिक दुनिया में अभी भी पुरुषों का दबदबा है, वहां ताकाइची की जीत एक बड़ी सामाजिक और सांस्कृतिक चुनौती के रूप में देखी जा रही है। जापान की संसद में महिलाओं की भागीदारी अभी भी 20 प्रतिशत से कम है, और अधिकांश बड़ी कंपनियों में पुरुषों का ही नेतृत्व है। इस संदर्भ में ताकाइची की नियुक्ति को 'ग्लास सीलिंग' तोड़ने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

ताकाइची ने अपनी कैबिनेट में सात्सुकी कतायामा को वित्त मंत्री नियुक्त करने का ऐलान किया है, जो जापान में इस पद पर काबिज होने वाली पहली महिला होंगी। कतायामा, जो पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी सहयोगी मानी जाती हैं, को अर्थव्यवस्था और वित्तीय मामलों की गहरी समझ रखने वाली नेता के रूप में जाना जाता है।

आर्थिक चुनौतियों का सामना: 

हालांकि, ताकाइची को अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद कई गंभीर आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि जापान में पिछले कुछ वर्षों से मुद्रास्फीति और मंदी की समस्याएं बढ़ी हैं। हाल ही में, वस्तुओं की कीमतों में तेजी आई है, जिससे आम जनता में असंतोष फैल रहा है।

रूढ़िवादी विचारधारा: 

ताकाइची की विचारधारा रूढ़िवादी है, और वे समलैंगिक विवाह और पति-पत्नी के अलग उपनाम रखने के अधिकार के खिलाफ हैं। इसके अलावा, वे यासुकुनी मंदिर जाती हैं, जो युद्ध अपराधियों को श्रद्धांजलि देने के लिए जाना जाता है, जिसके कारण चीन और दक्षिण कोरिया में उनकी आलोचना होती है।

जापान की राजनीति में बदलाव की ओर एक कदम : 

साने ताकाइची की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति जापान के राजनीति और समाज में एक नई दिशा की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है, जो न केवल महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि जापान की राजनीति में बदलाव की आवश्यकता को भी दर्शाता है।

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Jitendra Meena Journalist - Mission Ki Awaaz