झालावाड़ : दलित-आदिवासी बच्चों को न्याय की मांग पर सड़कों पर उतरे छात्र

झालावाड़ के पिपलोदा गांव में स्कूल की इमारत गिरने से 7 दलित-आदिवासी बच्चों की मौत के बाद राजस्थानभर में छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। जयपुर और झालावाड़ में निकाली गई मशाल यात्रा, मुआवजे और न्याय की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन।

Sep 26, 2025 - 08:07
Sep 26, 2025 - 08:10
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झालावाड़ : दलित-आदिवासी बच्चों को न्याय की मांग पर सड़कों पर उतरे छात्र
मशाल यात्रा

Rajasthan News : झालावाड़ के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से सात मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत ने पूरे राजस्थान को झकझोर दिया है। इस घटना के बाद प्रदेशभर में आक्रोश फैल गया है। गुरुवार देर रात जयपुर और झालावाड़ में हजारों छात्र-छात्राओं ने मशाल यात्रा निकालकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। 

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि जिन बच्चों की जान गई, वे दलित और आदिवासी समुदाय से थे, इसलिए सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उनका आरोप है कि प्रशासन ने केवल औपचारिकता निभाई है और पीड़ित परिवारों को मात्र 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान ली है।

छात्रों का कहना है कि यदि ये बच्चे किसी सशक्त वर्ग से होते, तो सरकार मुआवजे की राशि करोड़ों में तय करती। उन्होंने साफ किया कि जब तक परिजनों को पर्याप्त मुआवजा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।

वहीं, युवा सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मीणा बीते 14 दिनों से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि मृतक बच्चों के परिवारों को कम से कम 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और सरकार संवेदनशीलता दिखाए। हालांकि, अब तक प्रशासन या सरकार की ओर से कोई वार्ता की पहल नहीं की गई है।

नरेश मीणा आज दोपहर 3 बजे पीड़ित परिवारों की मौजूदगी में उनके बच्चों के हाथों से अपना अनशन तोड़ सकते हैं। इसके साथ ही वे निजी तौर पर कुछ आर्थिक सहायता भी परिजनों को सौंपेंगे।

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Jitendra Meena Journalist, Editor ( Mission Ki Awaaz )