बीकानेर में हनुमान बेनीवाल की शक्ति प्रदर्शन, 2028 विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू
हनुमान बेनीवाल ने बीकानेर में RLP के स्थापना दिवस पर 2028 विधानसभा चुनाव की तैयारी का ऐलान किया। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिलीप चौधरी ने RLP जॉइन किया।
बीकानेर: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने बुधवार को बीकानेर में आयोजित अपनी पार्टी के सातवें स्थापना दिवस पर एक विशाल महारैली का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने आगामी 2028 विधानसभा चुनाव की तैयारी का खुलासा किया।
"अभी नहीं तो कभी नहीं" का संदेश
हनुमान बेनीवाल ने इस रैली में ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ के नारे के साथ अपने इरादों को स्पष्ट किया कि अब वे सत्ता के दरवाजे पर दस्तक देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। लाखों की संख्या में जुटी भीड़ के सामने उन्होंने अपने समर्थकों को यह संदेश दिया कि आरएलपी अब प्रदेश की राजनीति में तीसरी ताकत बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।
क्या राजस्थान में तीसरी ताकत बनेगी RLP?
राजस्थान की राजनीति में तीसरी ताकत बनने की कई कोशिशें पहले भी हुई हैं, लेकिन कोई भी प्रयास सफलता की ऊँचाई तक नहीं पहुंच सका। अब, हनुमान बेनीवाल के लिए यह समय निर्णायक साबित हो सकता है। यदि जनता का समर्थन मिला, तो आरएलपी के लिए सत्ता की चाबी तक पहुंचना कोई मुश्किल नहीं होगा।
दिलीप चौधरी और प्रभाती लाल जाट का बड़ा जुड़ाव
इस मौके पर एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ, जब राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और किसान नेता दिलीप चौधरी ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर RLP में शामिल होने का ऐलान किया। दिलीप चौधरी, जो पहले जैतारण से विधायक रह चुके हैं, अब RLP के मंच पर बेनीवाल के साथ खड़े नजर आए।
इसके साथ ही, पूर्व RAS अधिकारी प्रभाती लाल जाट भी RLP में शामिल हो गए। इन दोनों नेताओं का आरएलपी में शामिल होना पार्टी के लिए एक बड़ी ताकत के रूप में देखा जा रहा है।
निर्दलीय प्रत्याशी उमांशी लाम्बा हुई RLP में शामिल
दिल्ली विश्वविद्यालय में निर्दलीय प्रत्याशी रही उमांशी लाम्बा ने आज राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) का दामन थाम लिया। आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने उन्हें पार्टी का दुपट्टा पहनाकर औपचारिक रूप से शामिल किया। इस मौके पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने उमांशी लाम्बा के समर्थन में उत्साह व्यक्त किया और कहा कि युवाओं की नई ऊर्जा से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
2028 चुनाव में RLP की भूमिका
अगर आगामी चुनावों में आरएलपी को मजबूती मिलती है, तो राजस्थान की राजनीति में एक नया और तेज-तर्रार नेता उभरकर सामने आ सकता है। वहीं, यदि यह प्रयोग सफल नहीं हो सका, तो राजस्थान की राजनीति की यह बोतल शायद फिर से खाली ही रह जाए।
हनुमान बेनीवाल का यह कदम, आगामी विधानसभा चुनाव 2028 के लिए उनके आत्मविश्वास और पूरी तैयारी को दिखाता है, और अब देखना यह होगा कि जनता आरएलपी को किस तरह से स्वीकार करती है।
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