न्यायपालिका को मिलेगा नया नेतृत्व: जस्टिस सूर्यकांत बनेंगे देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश
केंद्र सरकार ने अगले CJI के चयन की प्रक्रिया शुरू की। जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर 2025 को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे।
Justice Suryakant Next CJI : केंद्र सरकार ने देश के अगले प्रधान न्यायाधीश (CJI) की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी है। मौजूदा सीजेआई न्यायमूर्ति बी.आर. गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। परंपरा के अनुसार, नए सीजेआई की नियुक्ति की प्रक्रिया लगभग एक माह पहले शुरू की जाती है। वरिष्ठता क्रम के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं।
बचपन और शिक्षा: हिसार से शुरू हुआ सफर
न्यायमूर्ति सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा हिसार में ही हुई।
उन्होंने 1981 में गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, हिसार से स्नातक किया और 1984 में महार्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक से एलएलबी की डिग्री हासिल की।
ज्ञान के प्रति उनकी निरंतर रुचि का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने न्यायिक सेवा के दौरान भी पढ़ाई जारी रखी और 2011 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से कानून में मास्टर डिग्री (एम.एल.एल.) फर्स्ट क्लास फर्स्ट रैंक के साथ पूरी की।
वकालत से न्यायपालिका तक का सफर
1984 में उन्होंने हिसार जिला अदालत से अपने करियर की शुरुआत की। एक साल बाद, 1985 में वे चंडीगढ़ स्थानांतरित होकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे।
यहां उन्होंने संवैधानिक, सिविल और सेवा मामलों में विशेषज्ञता हासिल की और कई विश्वविद्यालयों, बोर्डों व बैंकों के लिए कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य किया।
उनकी कानूनी दक्षता और निष्पक्षता को देखते हुए उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया।
वकालत के क्षेत्र में उनकी पहचान जल्द ही मजबूत हुई और 2004 में वे न्यायाधीश बने। इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी सेवाएं दीं।
सुप्रीम कोर्ट में नई ऊंचाइयां
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की साफ सोच, न्याय के प्रति निष्पक्ष दृष्टिकोण और गहन कानूनी समझ ने उन्हें देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंचाया। उनके फैसले हमेशा सामाजिक न्याय और संविधान की मूल भावना पर आधारित रहे हैं।
24 नवंबर 2025: नई शुरुआत का दिन
24 नवंबर 2025 को जब न्यायमूर्ति सूर्यकांत देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे, तब न्यायपालिका में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी।
उनसे न्यायिक सुधारों, पारदर्शिता और समयबद्ध न्याय प्रक्रिया को लेकर कई उम्मीदें जुड़ी हैं। उनका अनुभव और दृष्टिकोण भारतीय न्याय व्यवस्था में नई ऊर्जा और विश्वास का संचार करने में अहम भूमिका निभाएगा।
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