नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर ट्रंप खेमे में नाराज़गी, समिति पर लगाया पक्षपात का आरोप
नोबेल शांति पुरस्कार 2025: ट्रंप को नहीं मिला सम्मान, व्हाइट हाउस ने चयन प्रक्रिया को बताया राजनीतिक रूप से प्रेरित।

वॉशिंगटन: नोबेल शांति पुरस्कार 2025 ( Nobel Peace Prize 2025 ) की घोषणा ने अमेरिका की सियासी हलचल को एक बार फिर तेज कर दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( President Donald Trump ) को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार न मिलने से व्हाइट हाउस ( White House ) खासा नाराज़ दिखा। राष्ट्रपति भवन ने इस फैसले को “राजनीति से प्रेरित” करार देते हुए नोबेल चयन समिति की आलोचना की है।
शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि समिति का फैसला निष्पक्ष न होकर राजनीतिक झुकाव से भरा था।
प्रवक्ता के अनुसार,
“एक बार फिर यह साफ हो गया कि समिति शांति की जगह राजनीति को प्राथमिकता देती है।”
गौरतलब है कि ट्रंप समर्थकों ने उन्हें नोबेल पुरस्कार दिलाने के लिए लंबे समय से सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था। व्हाइट हाउस की ओर से भी माहौल बनाने की कोशिशें की गईं। लेकिन समिति ने इस साल का पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मशादो ( Maria Corina Machado ) को देने की घोषणा की। मशादो को यह सम्मान उनके देश में लोकतंत्र को बढ़ावा देने और सत्ता के दमन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए दिया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दुनिया के कई हिस्सों में लोकतंत्र पर खतरे मंडरा रहे हैं। ऐसे में यह पुरस्कार उन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है जो तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने का साहस रखते हैं।
ट्रंप समर्थकों के लिए यह फैसला भले ही निराशाजनक हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह संदेश जरूर गया है कि नोबेल समिति लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा करने वालों को महत्व देती है।
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