मृत्युदंड की प्रक्रिया बदलने की मांग: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के रुख पर नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट में मृत्युदंड की फांसी प्रक्रिया को बदलने की याचिका पर सुनवाई। केंद्र सरकार ने इसे अव्यवहारिक बताया, कोर्ट ने जताई नाराजगी। अगली सुनवाई 11 नवंबर को।

Oct 15, 2025 - 20:46
Oct 15, 2025 - 20:48
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मृत्युदंड की प्रक्रिया बदलने की मांग: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के रुख पर नाराजगी
Supreme Court Of India

Demand to change the death penalty process : सुप्रीम कोर्ट में मृत्युदंड के लिए फांसी की प्रक्रिया को बदलने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और अदालत के बीच तनातनी देखने को मिली। याचिकाकर्ता ने फांसी को क्रूर और अमानवीय बताते हुए इसके बजाय जहर का इंजेक्शन या अन्य तरीकों को अपनाने की वकालत की, लेकिन केंद्र ने इसे लागू करना 'असंभव' बताया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जताई और कहा कि वह समय के साथ बदलाव के लिए तैयार नहीं दिख रही। इस मामले की अगली सुनवाई अब 11 नवंबर को होगी।

फांसी की प्रक्रिया पर सवाल : 

वकील ऋषि मल्होत्रा द्वारा दायर जनहित याचिका में मृत्युदंड के लिए फांसी को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि फांसी की प्रक्रिया दोषी के लिए अत्यधिक पीड़ा देने वाली है, क्योंकि इसमें मृत्यु की पुष्टि होने में करीब 40 मिनट लग सकते हैं। इसके बजाय, याचिकाकर्ता ने जहर का इंजेक्शन, गोली मारना, इलेक्ट्रोक्यूशन या गैस चैंबर जैसे तरीकों को अपनाने की वकालत की, जो कुछ ही मिनटों में सजा को पूरा कर सकते हैं।

याचिका में संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए जोर दिया गया है कि सम्मानजनक मृत्यु का अधिकार हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, जिसमें दोषी भी शामिल हैं। याचिकाकर्ता ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 354(5) को चुनौती दी है, जो मृत्युदंड के लिए फांसी को एकमात्र तरीका बनाती है। इसके साथ ही, संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव का भी जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि मृत्युदंड को यथासंभव कम पीड़ा के साथ लागू करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वैश्विक मानकों के अनुरूप भारत को भी अपनी प्रक्रिया में बदलाव करना चाहिए।

अगली सुनवाई 11 नवंबर को : 

क्या भारत में मृत्युदंड की प्रक्रिया को और मानवीय बनाया जा सकता है? क्या दोषी को सजा के तरीके चुनने का अधिकार दिया जाना चाहिए? ये सवाल अब सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हैं। 11 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई में इस मामले पर और गहन चर्चा की उम्मीद है।

 

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Jitendra Meena Jitendra Meena is a senior journalist and writer, he is also the Editor of Mission Ki Awaaz, Jitendra Meena was born on 07 August 1999 in village Gurdeh, located near tehsil Mandrayal of Karauli district of Rajasthan ( India ). Contact Email : Jitendra@MissionKiAwaaz.in