Premanand Ji Maharaj Quotes: प्रेमानंद महाराज के 15 अनमोल विचार

प्रेमानंद जी महाराज के अनमोल वचनों से सीखें जीवन में सच्चा प्रेम, भक्ति और आत्मविश्वास कैसे लाएं। उनके विचारों में छुपा है अध्यात्म का सार।

Sep 20, 2025 - 08:28
Sep 20, 2025 - 08:35
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Premanand Ji Maharaj Quotes: प्रेमानंद महाराज के 15 अनमोल विचार
Photo: bhajanmarg Official / Instagram

प्रेमानंद जी महाराज के प्रेरणादायक विचार (हिंदी में) : वृंदावन धाम में वास कर रहे पूज्य श्री प्रेमानंद जी महाराज केवल एक धर्मगुरु नहीं, बल्कि लाखों लोगों के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं। उनके मधुर वाणी में छुपे उपदेश न जाने कितने जीवनों को नई दिशा दे चुके हैं।

आज हजारों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं—कुछ उनके दर्शन के लिए, तो कुछ उनके प्रवचनों से जीवन का सच्चा अर्थ जानने के लिए।

प्रेमानंद जी महाराज जब अपने भक्तों से संवाद करते हैं, तो उनके शब्द सीधे दिल में उतर जाते हैं। यही कारण है कि उनके कहे गए वाक्य सोशल मीडिया पर भी खूब साझा किए जाते हैं और लोगों को हिम्मत और उम्मीद देते हैं। 

यहां हम लेकर आए हैं उनके कुछ ऐसे अनमोल वचन, जो जीवन की राह में प्रकाश बन सकते हैं:

  1. जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है, वह भले ही जीवित है परंतु मुख से मरा हुआ है।
  2. शास्त्र विरुद्ध क्रिया होगी, तो पतन का संयोग बन जाएगा।
  3. अधीर मत बनो, धैर्यपूर्वक सही रास्ते पर चलो, तुम्हें परिणाम अवश्य मिलेगा।
  4. आहार और आचरण दोनों का शुद्ध होना अति आवश्यक है।
  5. दूसरों को माफ़ करना ही अपने मन को शांति देने का सबसे प्रभावी तरीका है।
  6. फल की इच्छा से रहित होकर की गई सेवा ही सच्चा दान है।
  7. समय के साथ अपने विचारों और कर्मों को बदलना ही सच्ची प्रगति है।
  8. जिसे गुरु स्वीकार कर लें, उसे स्वयं भगवान भी अस्वीकार नहीं कर सकते।
  9. मनुष्य को सच्ची भक्ति में लीन होकर, जीवन को सार्थक बनाना चाहिए, क्योंकि प्रेम ही सच्चा धर्म है।
  10. इस संसार में वही धनी है जिसके पास नाम जप का धन है।
  11. प्रेम से बड़ा कोई धर्म नहीं, सच्ची भक्ति ईश्वर तक पहुंचाती है, सत्य को अपनाओ और शांति पाओ।
  12. पाप कर्मों का फल ही नकारात्मक विचारों के रूप में आता है।
  13. वर्तमान में जीने से ही मानसिक शांति मिलती है, क्योंकि अतीत और भविष्य केवल भ्रम होते हैं।
  14. जिस स्थिति में भगवान रखें उसी स्थिति में संतुष्ट रहो।
  15. आपका अपमान करने वाला आपके पाप नष्ट कर रहा है बस सहन कर लीजिए।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए मिशन की आवाज उत्तरदायी नहीं है।

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Jitendra Meena Journalist, Editor ( Mission Ki Awaaz )