इजरायल-हमास संघर्ष में सीजफायर, गाजा में उम्मीद और जिंदगी पटरी पर लौटने की उम्मीद
इजरायल-हमास संघर्ष में सीजफायर: गाजा में दो साल बाद लागू हुआ युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और दोनों पक्षों की शर्तें, लेकिन गाजा के लोग शांति को लेकर संशय में हैं।

गाजा : इजरायल और हमास के बीच दो साल से चले आ रहे संघर्ष के बाद, शनिवार को गाजा में एक महत्वपूर्ण सीजफायर लागू हो गया है। यह समझौता अमेरिकी, अरब देशों और तुर्की के दबाव में हुआ है और इसे लेकर गाजा के लोग आशावादी और संशयित दोनों हैं। युद्ध के इस लंबे दौर ने गाजा को पूरी तरह से तबाह कर दिया, हजारों जिंदगियां निगल लीं और इजरायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया।
सीजफायर की शर्तें और समझौता
समझौते के पहले चरण के तहत हमास अपने बचे हुए बंधकों को रिहा करेगा, और इसके बदले में इजरायल 2 हजार फलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने के लिए तैयार है। इनमें युद्ध के दौरान पकड़े गए लोग और कई कैदी शामिल हैं। युद्धविराम शुक्रवार दोपहर से प्रभावी हो गया है, और इजरायली सेना ने गाजा सिटी, खान यूनिस समेत अन्य इलाकों से पीछे हटने का दावा किया है। हालांकि, गाजा के कुछ हिस्सों में इजरायली सैनिक अब भी तैनात हैं।
बंधकों की रिहाई और इजरायल की शर्तें
सोमवार तक हमास ने 48 बंधकों को छोड़ने का वादा किया है, जिनमें से लगभग 20 जीवित बताए जा रहे हैं। बदले में इजरायल 2 हजार फलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। हालांकि, हमास ने चेतावनी दी है कि वह आखिरी बंधकों को तब तक नहीं छोड़ेगा जब तक इजरायली सेना पूरी तरह से गाजा से बाहर नहीं चली जाती।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को इस पूर्ण वापसी की गारंटी दी है, हालांकि इसकी समयसीमा अभी तय नहीं की गई है। ट्रंप की योजना के अनुसार, इजरायल गाजा की सीमा पर एक बफर जोन बनाए रखेगा और मिस्र से जुड़े फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर नियंत्रण बनाए रखेगा। साथ ही, एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल गाजा में तैनात किया जाएगा, जिसकी अगुवाई अरब देश करेंगे।
गाजा में भविष्य का संकट
गाजा में युद्धविराम के बाद फिलहाल शांति का माहौल है, लेकिन लोग इस शांतिपूर्ण स्थिति को स्थायी मानने से हिचकिचा रहे हैं। युद्ध ने गाजा को पूरी तरह से तबाह कर दिया है, और यहां के लोग यह जानने के लिए बेकरार हैं कि क्या यह विराम स्थायी रहेगा, क्या वे अपने घर वापस लौट पाएंगे और क्या गाजा का पुनर्निर्माण संभव होगा?
नेतन्याहू का रुख
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जब तक हमास की सैन्य ताकत समाप्त नहीं हो जाती, तब तक उनका अभियान जारी रहेगा। दूसरी ओर, इजरायल ने पश्चिमी तट की फलिस्तीनी प्राधिकरण को कोई भूमिका देने से मना कर दिया है और फलिस्तीनी राज्य की संभावना को भी खारिज किया है।
गाजा के लोग इस समझौते के प्रति मिली-जुली भावनाओं का अनुभव कर रहे हैं। राहत का एक पल जरूर है, लेकिन इसके साथ ही अनिश्चितता का संकट भी गहरा बना हुआ है।
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