धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व को लेकर सासंद भजनलाल जाटव ने ज्ञापन सौंपा
करौली-धौलपुर सांसद भजन लाल जाटव ने टाइगर रिजर्व अधिसूचना पर जनता की चिंता जताते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को ज्ञापन सौंपा, जनसुनवाई और सहमति के बिना लिए गए निर्णय को बताया लोकतंत्र के खिलाफ।

Karauli Dholpur Tiger Reserve - करौली-धौलपुर सांसद भजन लाल जाटव ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से शिष्टाचार भेंट कर करौली-धौलपुर टाइगर रिजर्व को लेकर क्षेत्र की जनता की गहरी चिंता और आपत्तियों से अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने मंत्री महोदय को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा जिसमें प्रस्तावित टाइगर रिजर्व से उत्पन्न होने वाले विभिन्न गंभीर विषयों को रेखांकित किया गया।
सांसद जाटव ने अपने ज्ञापन में प्रमुख रूप से निम्न बिंदुओं पर चिंता व्यक्त की —
1. जनसंख्या व आजीविका पर संकट
करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र एक घनी आबादी वाला ग्रामीण क्षेत्र है, जहां हजारों परिवार कृषि, पशुपालन और वनों पर निर्भर हैं। प्रस्तावित टाइगर रिजर्व की अधिसूचना से इन परिवारों की भूमि, जीविका और भविष्य पर गंभीर संकट मंडरा रहा है।
2. धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों पर खतरा
सांसद ने बताया कि प्रस्तावित क्षेत्र में अनेक प्राचीन धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल स्थित हैं, जिनके अस्तित्व पर भी इस अधिसूचना से खतरा उत्पन्न हो गया है।
3. जनसुनवाई और सहमति के बिना लिया गया निर्णय
सांसद ने स्पष्ट किया कि इस अधिसूचना से पूर्व न तो ग्राम सभाओं की सहमति ली गई और न ही कोई जनसुनवाई की प्रक्रिया अपनाई गई। यह भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 (RFCTLARR Act) का स्पष्ट उल्लंघन है।
4. जनता में गहरा आक्रोश
बिना पूर्व सूचना और सहमति के लिए गए इस निर्णय से क्षेत्र की जनता में गहरा आक्रोश और असंतोष व्याप्त है। सांसद ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और जनभागीदारी की भावना के विपरीत बताया।
सांसद की दो प्रमुख मांगें
भजन लाल जाटव ने केंद्रीय मंत्री से दो प्रमुख मांगें रखीं —
1. करौली-धौलपुर टाइगर रिजर्व की अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।
2. भविष्य में इस प्रकार की किसी भी प्रक्रिया को केवल स्थानीय ग्रामीणों की स्पष्ट सहमति और जनसुनवाई के बाद ही आगे बढ़ाया जाए।
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