Dr. Vikas Divyakirti को कोर्ट का समन, 2 अगस्त को होना होगा व्यक्तिगत रूप से पेश
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को अजमेर कोर्ट ने मानहानि केस में 2 अगस्त 2025 को पेश होने का आदेश दिया। IAS बनाम जज वीडियो पर विवाद गहराया।

अजमेर – प्रसिद्ध IAS कोचिंग संस्थान दृष्टि IAS के निदेशक और चर्चित एजुकेटर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को अजमेर की एक अदालत ने न्यायपालिका और मजिस्ट्रेट के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाज़िर होने का निर्देश दिया है।
यह मामला उनके एक पुराने वीडियो शो "IAS वर्सेज जज – कौन ज्यादा ताकतवर?" से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर IAS अधिकारियों को न्यायिक अधिकारियों से अधिक शक्तिशाली बताया था। इस बयान को लेकर अजमेर निवासी अधिवक्ता कमलेश मंडोलिया ने मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई थी।
अदालत का सख्त रुख
मंगलवार, 22 जुलाई को हुई सुनवाई में डॉ. दिव्यकीर्ति कोर्ट में स्वयं उपस्थित नहीं हुए। उनकी ओर से वकीलों ने उपस्थिति माफी का आवेदन दाखिल किया, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए 2 अगस्त 2025 की अगली सुनवाई में अनिवार्य रूप से व्यक्तिगत उपस्थिति का आदेश जारी किया है।
गिरफ्तारी वारंट की मांग, कोर्ट का अंतिम मौका
याचिकाकर्ता की ओर से आज की सुनवाई में भारतीय दंड संहिता की धारा 90 के तहत अरेस्ट वारंट जारी करने की भी मांग की गई थी। हालांकि, अदालत ने फिलहाल गिरफ्तारी वारंट जारी करने से परहेज करते हुए डॉ. दिव्यकीर्ति को अंतिम अवसर दिया है कि वह अगली तारीख पर स्वयं कोर्ट में पेश हों।
क्या है पूरा मामला?
डॉ. दिव्यकीर्ति के एक यूट्यूब वीडियो में उन्होंने न्यायपालिका की तुलना में IAS अधिकारियों को अधिक शक्तिशाली बताया था। इस टिप्पणी को वकीलों और न्यायिक समुदाय ने अपमानजनक और भ्रामक बताया, जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया। अब यह मामला मानहानि की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई के रूप में अदालत में विचाराधीन है।
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