उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर अशोक गहलोत की तीखी प्रतिक्रिया, कहा- "यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी"
उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे पर अशोक गहलोत ने कहा- यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। पीएम मोदी से इस्तीफा न स्वीकारने की अपील की।

नई दिल्ली/जयपुर — भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की सियासत में हलचल मचा दी है। इस घटनाक्रम पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस इस्तीफे को संविधानिक व्यवस्था के लिए गंभीर संकट और राजस्थान के लिए चौंकाने वाला निर्णय बताया।
गहलोत ने कहा, "कुछ दिन पहले मैंने जोधपुर में कहा था कि उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष पर दबाव है। आज वही बात सच साबित हो गई।"
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनकड़ के अचानक इस्तीफे पर प्रतिक्रिया: pic.twitter.com/eHM3KiXBjT — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 22, 2025
सत्ता के शीर्ष पदों पर दबाव के आरोप
अशोक गहलोत ने सीधे तौर पर भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है, जो देश की लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए बेहद खतरनाक है।
उन्होंने कहा, "जब देश के उपराष्ट्रपति जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को इस्तीफा देना पड़े, तो यह दर्शाता है कि परिस्थितियां सामान्य नहीं हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।"
प्रधानमंत्री से की अपील
गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि वे इस इस्तीफे को स्वीकार न करें और ऐसी कोई संवैधानिक पहल करें जिससे उपराष्ट्रपति अपना कार्यकाल पूरा कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाएं देश के संवैधानिक संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं।
इस्तीफा किया मंजूर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा मंजूर किया। सोमवार शाम को ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा राष्ट्रपति मुर्मू को भेजा था ।
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