खूबनगर स्कूल की जर्जर हालत: क्या किसी हादसे के इंतज़ार में है प्रशासन?

करौली जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर खूबनगर गांव का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आज जर्जर हालत में है। 1959 में स्थापित यह स्कूल आज 340 से अधिक छात्रों के लिए खतरा बन गया है। स्कूल की छत टपकती है, प्लास्टर गिरता है, कमरे उपयोग के लायक नहीं, और चारदीवारी टूटी हुई है।
तीन साल पहले बने नए भवन में भी सीलन व सीमेंट उखड़ने की समस्या है। शौचालय की हालत दयनीय है और पास का तालाब बच्चों के लिए खतरा बन चुका है। स्कूल तक जाने वाला रास्ता भी कचरे, गंदगी और अतिक्रमण से भरा है।
प्रिंसिपल सवा राम मीणा ने कई बार मरम्मत व विस्तार के प्रस्ताव भेजे, लेकिन अभी तक कोई स्वीकृति नहीं मिली। शिक्षकों व ग्रामीणों ने मिलकर थोड़ी मरम्मत की है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है।
सरकार और प्रशासन को तुरंत हस्तक्षेप कर स्कूल की स्थिति को सुधारना चाहिए, वरना यह सरकारी लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
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