Rajasthan - हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री महेश जोशी और आरएलपी विधायकों के खिलाफ दिखाई सख्ती
राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका खारिज की, जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने की थी गिरफ्तारी। सुप्रीम कोर्ट ने आरएलपी विधायकों के केस वापसी पर उठाए सवाल। मार्कशीट हेराफेरी मामले में भी हाईकोर्ट सख्त।

Mahesh Joshi, Rajasthan : राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भ्रष्टाचार और दंगा भड़काने के मामलों में सख्त रुख अपनाया। पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी, जबकि आरएलपी के तत्कालीन दो विधायकों के खिलाफ केस वापस लेने की राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए। इसके अलावा, एक मौजूदा विधायक के मार्कशीट हेराफेरी मामले में हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि अच्छा आचरण या विधायक होने के आधार पर सरकार को केस वापस लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
महेश जोशी गवाहों को कर सकते है प्रभावित -
हाईकोर्ट के जस्टिस प्रवीर भटनागर ने शुक्रवार को महेश जोशी की जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि एक मंत्री के रूप में उनकी जिम्मेदारी अधिक थी। जोशी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 24 अप्रैल 2024 को जल जीवन मिशन में टेंडर प्रक्रिया के दौरान रिश्वत और धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था। अदालत ने माना कि जमानत मिलने पर जोशी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जोशी तब से जेल में हैं और विशेष ईडी कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी।
RLP विधायकों पर दंगा भड़काने का आरोप -
वहीं, आरएलपी के तत्कालीन दो विधायकों के खिलाफ दंगा भड़काने के मामले में राज्य सरकार की केस वापसी की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या सरकार अब भी केस वापस लेना चाहती है। दूसरी ओर, मार्कशीट हेराफेरी के एक मामले में हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए सरकार के रवैये पर सवाल उठाए। जस्टिस भटनागर की अदालत ने 8 अगस्त को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा था, जिसका फैसला सोमवार को सुनाया गया।
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