समाजवादी पार्टी ने तीन विधायकों को किया निष्कासित, पांच अन्य पर कार्रवाई से फिलहाल परहेज़
सपा ने मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह को पार्टी से बाहर किया। बाकी विधायकों की ‘घर वापसी’ के खुले हैं रास्ते। पढ़ें पूरी खबर।

लखनऊ, 24 जून 2025 — उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले में सख्ती दिखाते हुए अपने तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। निष्कासित किए गए विधायकों में मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह शामिल हैं। इन तीनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने और भाजपा के पक्ष में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप है।
क्यों की गई सिर्फ तीन विधायकों पर कार्रवाई?
राज्यसभा चुनाव में कुल सात विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की थी, जबकि एक विधायक मतदान के दौरान अनुपस्थित रहीं। इसके बावजूद सिर्फ तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है, जिससे पार्टी के अंदर और बाहर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो इन तीनों विधायकों ने हाल के महीनों में सपा नेतृत्व के खिलाफ अभियान चलाया और भाजपा के पक्ष में खुलकर काम किया। वहीं बाकी पांच विधायकों के बारे में पार्टी नेतृत्व का कहना है कि उनकी स्थिति इतनी गंभीर नहीं है। इनमें से कुछ विधायक निजी कारणों से सत्ताधारी दल के करीब गए हैं और अब भी पार्टी नेतृत्व के संपर्क में हैं।
भविष्य में हो सकती है 'घर वापसी'
सपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जिन पांच विधायकों पर अभी कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है, उनमें से कुछ ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है और वे भविष्य में दोबारा पार्टी में लौट सकते हैं। पार्टी का मानना है कि तत्काल हर बागी विधायक पर कार्रवाई करना रणनीतिक रूप से सही नहीं होगा।
आधिकारिक प्रतिक्रिया -
सपा के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने इस पर कहा, “पार्टी ने विचार-विमर्श के बाद ही तीन विधायकों को निष्कासित किया है। बाकी मामलों पर भी नजर रखी जा रही है। उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को निष्कासन की जानकारी भेजे जाने के संबंध में फिलहाल कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी।
निष्कासन के पीछे राजनीतिक संदेश
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सपा ने यह कार्रवाई कर स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम पार्टी की आंतरिक एकजुटता बनाए रखने और भविष्य में संभावित नुकसान को रोकने की दिशा में भी देखा जा रहा है।
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