नेपाल में अशांति का तीसरा दिन: हिंसा, आगजनी और कैदियों के फरार होने से हड़कंप
नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन तीसरे दिन भी उग्र, सेना ने संभाला नियंत्रण। नवलपरासी जेल से 500 कैदी फरार, राष्ट्रपति भवन और पूर्व पीएम के घरों में आगजनी। सुप्रीम कोर्ट में 25,000 फाइलें नष्ट, यूएन ने जताई चिंता। भारत की खुली सीमा के कारण खुफिया एजेंसियां सतर्क।

Nepal violence : नेपाल में भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ चल रहा आंदोलन तीसरे दिन भी उग्र बना हुआ है। मंगलवार रात 10 बजे से नेपाली सेना ने देश का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन, पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों और सुप्रीम कोर्ट में आगजनी की, जबकि सैकड़ों कैदी जेल तोड़कर फरार हो गए।
नवलपरासी जेल से 500 कैदी फरार -
पश्चिम नवलपरासी जिला कारागार में कैदियों ने आगजनी और नारेबाजी के बाद जेल तोड़ दी। 500 से अधिक कैदी भागने में सफल रहे। सेना, पुलिस और सशस्त्र बलों की तैनाती के बावजूद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
दिल्लीबाजार जेल में भागने की कोशिश नाकाम -
दिल्लीबाजार जेल में कैदियों ने भागने का प्रयास किया, लेकिन सेना की सख्ती के कारण वे असफल रहे। सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती और इलाके की घेराबंदी से स्थिति को काबू में किया गया।
Prisoners try to escape from Dillibazar jail
Prisoners at Dillibazar, Kathmandu jail are attempting to break out, setting fires as security forces move to contain the situation. Inmates have taken to the streets chanting slogans, while the Nepal Army has cordoned off the area to… pic.twitter.com/uJfiudZRqy — The Kathmandu Post (@kathmandupost) September 10, 2025
राष्ट्रपति भवन और पूर्व पीएम के घरों में आगजनी -
प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के निवास शीतल भवन को आग के हवाले कर दिया। साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्रियों शेर बहादुर देउबा, झालानाथ खनाल और पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के घरों में भी आग लगा दी गई। झालानाथ खनाल की पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार आग में गंभीर रूप से झुलस गईं और कीर्तिपुर बर्न अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। शेर बहादुर देउबा को उनके घर में घुसकर पीटा गया, जबकि वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को काठमांडू में दौड़ाकर मारा गया।
सेना ने 27 उपद्रवियों को पकड़ा -
नेपाली सेना ने गौशाला, चाबहिल और बौद्ध क्षेत्रों से 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया, जो तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी में शामिल थे। उनके पास से 33.7 लाख रुपये नकद, 31 हथियार (काठमांडू से 23 और पोखरा से 8 बंदूकें) बरामद किए गए।
सुरक्षा अपडेट @NepaliArmyHQ
मिति २०८२ भाद्र २४ गते रातको १० बजेबाट देशैभर नेपाली सेना लगायत अन्य सुरक्षा निकायहरु परिचालन भएपश्चात आज मिति २०८२ भाद्र २५ गतेको विहान १० बजेसम्म काठमाडौँ लगायत देशका विभिन्न स्थानहरुमा विषम परिस्थितिको अनुचित फाइदा उठाई लुटपाट, आगजनी र जीउधनको… pic.twitter.com/Zx5H32Hi5t — Gajendra Budhathoki ♿ (@gbudhathoki) September 10, 2025
सुप्रीम कोर्ट में आगजनी, 25,000 फाइलें नष्ट -
चितवन जिले में प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट और सरकारी वकीलों के कार्यालय में आग लगा दी। इस दौरान वाहनों, आईटी कक्ष, मुख्य न्यायाधीश और रजिस्ट्रार के कक्षों को निशाना बनाया गया। 25,000 मामलों की फाइलें और कई फैसलों के रिकॉर्ड नष्ट हो गए। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट बंद है, हालांकि डेटा का बैकअप सुरक्षित है।
प्रधानमंत्री का इस्तीफा -
9 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भ्रष्टाचार और तानाशाही के आरोपों के बीच इस्तीफा दे दिया। हिंसा में 19-22 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हो गए। काठमांडू सहित कई शहरों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू है। सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन प्रदर्शन जारी हैं।
यूएन ने जताई चिंता -
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने नेपाल में हिंसा और मौतों पर दुख जताया। उन्होंने X पर पोस्ट कर घटनाओं की जांच की मांग की और संयम बरतने की अपील की। गुटेरेस ने अधिकारियों से मानवाधिकार कानूनों का पालन और प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने को कहा।
I'm closely following the situation in Nepal & I'm deeply saddened by the loss of life.
I urge a thorough investigation, restraint to avoid further escalation of violence & dialogue towards forging a constructive path forward.
I call on the authorities to comply with human… — António Guterres (@antonioguterres) September 9, 2025
भारत की खुफिया एजेंसियां सतर्क -
नेपाल और भारत के बीच 1751 किमी की खुली सीमा के कारण यह अशांति भारत के लिए चिंता का विषय है। रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो नेपाल की स्थिति पर नजर रख रही हैं। उन्हें आशंका है कि यह अशांति भारत में भी विरोध प्रदर्शनों को भड़का सकती है। सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स की निगरानी तेज कर दी गई है।
What's Your Reaction?






