राजस्थान: "देवता नहीं हूं मैं, कहां से लाऊं तेरी बेटी" लापता बेटी की मां से बोला थानेदार
राजस्थान में 18 साल की बेटी के लापता होने पर मां को थानेदार का अमानवीय जवाब मिला—"देवता नहीं हूं मैं, कहां से लाऊं तेरी बेटी?" पुलिस पर उठे सवाल।

जयपुर, राजस्थान। राजस्थान के सांगानेर इलाके से एक भावुक कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मां अपनी 18 साल की लापता बेटी की तलाश में दर-दर भटक रही है। लेकिन उसे न्याय की बजाय ताने और संवेदनहीन जवाब मिल रहे हैं।
5 जुलाई की रात, पड़ोस में रहने वाला एक युवक लड़की को बहला-फुसलाकर ले गया। परिजनों ने तुरंत स्थानीय सांगानेर सदर थाने में संपर्क किया। लेकिन पुलिस ने शुरुआत में सिर्फ सलाह देकर मामले को टाल दिया। आखिरकार 7 जुलाई को गुमशुदगी दर्ज हुई, लेकिन तब से लेकर अब तक—12 दिन बीत चुके हैं—कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
"हमने हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन पुलिस ने कहा – 'देवता नहीं हूं मैं, कहां से लाऊं तेरी बेटी,'" यह कहना है पीड़िता की मां का, जिसकी बेटी आज भी गायब है।
मां का सवाल वाजिब है:
"अगर ऑपरेशन खुशी सिर्फ पोस्टर और प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सीमित है, तो आम मां-बाप कहां जाएं?"
इस घटना ने राजस्थान पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वाकई पीड़ित परिवारों की मदद के लिए बनाए गए अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित हैं?
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