नकली बीजों के खिलाफ सख्त हुए कृषि मंत्री किरोड़ी मीणा, खेतों में पहुंचकर किया फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी मीणा ने नकली बीज घोटाले का भंडाफोड़ किया, खेतों में पहुंचकर फर्जीवाड़े की पोल खोली।

Rajasthan News - राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने नकली बीजों के कारोबार पर कड़ा रुख अपनाते हुए खुद खेतों में पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। बीते तीन दिनों में उन्होंने श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों का दौरा कर कुछ बीज कंपनियों की गतिविधियों पर सवाल खड़े किए हैं। खेतों में खुद जाकर की गई इस जांच में मंत्री को ऐसे कई तथ्य मिले जो सीधे-सीधे बीज घोटाले की ओर इशारा करते हैं।
मंत्री ने बताया कि जिन खेतों को बीज उत्पादन का स्थल बताया गया, वहां असल में कोई बीज फसल थी ही नहीं। उदाहरण के तौर पर, श्रीगंगानगर में धालीवाल सीड्स और रामदेव सीड्स की प्रोडक्शन साइट्स पर ग्वार का बीज बोया हुआ बताया गया था, लेकिन निरीक्षण में वहां मक्का और मूंग की फसलें मिलीं। इतना ही नहीं, एक किसान ने तो बताया कि जिस ज़मीन पर बीज उत्पादन बताया जा रहा है, वह असल में सड़क है। इस पर मंत्री ने तंज कसते हुए कहा, “कंपनियों ने तो सड़क पर ही ग्वार बो दिया।”
किरोड़ी मीणा ने इसे एक सुनियोजित धोखाधड़ी करार दिया और कहा कि ये कंपनियां असल में मंडियों से अनाज उठाकर उसे बीज बताकर महंगे दामों में किसानों को बेच रही हैं। मंत्री का दावा है कि इस तरह की गड़बड़ियां श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में करीब 800 जगहों पर हो रही हैं, जिनमें कई कंपनियों ने कागजों पर बीज उत्पादन दिखाकर सरकारी सब्सिडी तक हासिल कर ली है।
मंत्री ने इस पूरे मामले को गंभीर मानते हुए इसकी जांच SOG या CBI से करवाने की बात कही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस फर्जीवाड़े में केवल निजी कंपनियां ही नहीं, बल्कि कुछ सरकारी संस्थान, जैसे कृभको, भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “किसानों की जेब काटने में कोई पीछे नहीं है, चाहे वह निजी कंपनी हो या सरकारी संस्था।”
कृषि मंत्री ने सोशल मीडिया पर निरीक्षण के वीडियो भी साझा किए हैं, जिसमें वह खुद खेतों में जाकर किसानों से बात करते और स्थिति का जायज़ा लेते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस पूरे मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंपेंगे ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।
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