राजस्थान में एजीटीएफ की बड़ी कामयाबी: एके-47 बरामदगी के बाद एनआईए व अन्य एजेंसियां अलर्ट, लॉरेंस गैंग से कनेक्शन उजागर

जयपुर/धौलपुर/चूरू। राजस्थान की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) की कार्रवाई के बाद प्रदेश में गैंगस्टर नेटवर्क और अवैध हथियार तस्करी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। 4 जून को धौलपुर और चूरू से बरामद की गई दो एके-47 राइफलें देशभर की सुरक्षा एजेंसियों को चौंका गई हैं।
अब इस मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और हरियाणा पुलिस की टीमें धौलपुर पहुंचकर पूछताछ कर रही हैं। एजेंसियों का ध्यान इस बात पर है कि इतनी खतरनाक असॉल्ट राइफल भारत में किस रास्ते से पहुंचीं और इन्हें किस नेटवर्क द्वारा भेजा गया।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा है मामला
एजीटीएफ द्वारा पकड़ा गया जीतू जोड़ी पहले से ही लॉरेंस गैंग के संपर्क में था। साथ ही, उसका हरियाणा के गैंगस्टर्स से भी संपर्क सामने आया है। एनआईए ने हथियारों की सप्लाई चेन और लॉरेंस गिरोह से जुड़े रोहित गोदारा व वीरेंद्र चारण के संभावित संबंधों की तफ्तीश शुरू कर दी है।
पूरे ऑपरेशन की प्रमुख कड़ियाँ:
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4 जून को राजाखेड़ा (धौलपुर) में दबिश देकर एजीटीएफ ने डकैत रामदत्त चंबल के भाई जीतू चंबल और उसके पिता को AK-47 राइफल के साथ गिरफ्तार किया।
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पूछताछ में जयपुर निवासी शिवराज का नाम सामने आया, जिसे कालवाड़ रोड से पकड़ा गया।
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जयपुर के सुराग के बाद चूरू जिले में दबिश देकर जीतू जोड़ी को पकड़ा गया, जिसके खेत में एक और AK-47 राइफल दबी हुई मिली।
राष्ट्रीय स्तर की जांच शुरू
एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि अब तक की जांच में एक दर्जन से अधिक संदिग्ध राडार पर हैं। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों में संयुक्त छापेमारी की जा रही है।
"हमारे पास लॉरेंस गिरोह से हथियारों की आपूर्ति को लेकर पुख्ता सुराग हैं। देश में एके-47 जैसे हथियारों की मौजूदगी गंभीर चिंता का विषय है और उच्चस्तरीय जांच जारी है।"
– दिनेश एमएन, एडीजी क्राइम
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