राजस्थान : बैल से खेती करने वाले किसानों को मिलेगी सालाना 30,000 रुपये की मदद, आवेदन करें

राजस्थान सरकार ने बैल से खेती करने वाले किसानों को 30,000 रुपये की सालाना मदद देने की योजना शुरू की। जानें, कैसे यह पहल पारंपरिक खेती और मवेशियों के संरक्षण को बढ़ावा देगी।

Nov 22, 2025 - 11:10
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राजस्थान : बैल से खेती करने वाले किसानों को मिलेगी सालाना 30,000 रुपये की मदद, आवेदन करें
Rajasthan Chief minister Bhajan Lal Sharma

Rajasthan News - राजस्थान सरकार ने पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत बैल से खेती करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य राज्य में पारंपरिक कृषि पद्धतियों को पुनर्जीवित करना और मवेशियों की रक्षा करना है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार उन किसानों को हर साल 30,000 रुपये की आर्थिक मदद देगी जो बैलों का उपयोग करके खेती करते हैं।

पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता

वर्तमान समय में, आधुनिक कृषि मशीनरी के बढ़ते उपयोग के कारण बैलों का खेती में इस्तेमाल तेजी से कम हुआ है। इसके कारण देसी मवेशियों की नस्लों की मांग भी घट गई है, जिससे उनके संरक्षण पर प्रतिकूल असर पड़ा है। राज्य सरकार का मानना है कि इस आर्थिक प्रोत्साहन से बैलों के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पारंपरिक खेती के तरीकों को पुनः स्थापित किया जा सकेगा और मवेशियों के संरक्षण में मदद मिलेगी।

कृषि और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद

इस योजना का उद्देश्य न केवल मवेशियों के बचाव में मदद करना है, बल्कि खेती की उत्पादकता को बढ़ाने, केमिकल पर निर्भरता को कम करने और पर्यावरण को बचाने का भी है। बैल से खेती करने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति में वृद्धि होती है और खेती में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग घटता है, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद है।

बायोगैस योजना से अतिरिक्त लाभ

इस योजना के तहत, राज्य सरकार बायोगैस प्लांट लगाने के लिए भी सब्सिडी देगी। बायोगैस का उपयोग करके किसान अपने ईंधन खर्च को कम कर सकते हैं, और साथ ही खेतों में प्राकृतिक खाद का उत्पादन भी कर सकते हैं। इससे खेती में प्राकृतिक तरीकों को बढ़ावा मिलेगा और उत्पादन की कुल क्षमता में सुधार होगा।

किसानों के लिए आसान आवेदन प्रक्रिया

राज्य सरकार ने किसानों के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म "राज किसान साथी" पोर्टल भी तैयार किया है। इस पोर्टल के जरिए किसान आसानी से विभिन्न कृषि योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं, आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं और सरकारी सलाहकारों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस पोर्टल पर अब तक 42,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, और सबसे ज्यादा आवेदन डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर जिलों से आए हैं।

किसान चयन की प्रक्रिया

कृषि विभाग अब उन किसानों का डेटा एकत्रित कर रहा है जो बैल से खेती करते हैं। इसके आधार पर पात्र किसानों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। विभाग इस प्रक्रिया में फील्ड वेरिफिकेशन भी कर रहा है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि केवल असली बैल-खेती करने वाले किसान ही इस योजना का लाभ उठा सकें।

राजस्थान सरकार की यह पहल न केवल पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह कमजोर किसानों के लिए आर्थिक राहत और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने का एक अवसर भी प्रदान करती है।

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Jitendra Meena Jitendra Meena is a senior journalist and writer, he is also the Editor of Mission Ki Awaaz, Jitendra Meena was born on 07 August 1999 in village Gurdeh, located near tehsil Mandrayal of Karauli district of Rajasthan ( India ). Contact Email : Jitendra@MissionKiAwaaz.in