बेढम का बयान: राजस्थान में जबरन धर्म परिवर्तन नहीं सहन किया जाएगा
राजस्थान में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ नया कानून लागू हो गया है, जबकि कांग्रेस के नेता इसे धार्मिक असहिष्णुता करार दे रहे हैं।
जयपुर, राजस्थान । राजस्थान में हाल ही में पारित किए गए विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025को लेकर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस विधेयक की आलोचना करते हुए इसे धार्मिक असहिष्णुता का प्रतीक बताया। वहीं, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने डोटासरा के बयान पर तीखा पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस के नेता इस कानून से परेशान हैं क्योंकि यह धर्म परिवर्तन को लेकर ठोस कदम उठा रहा है।
कांग्रेस के बयान पर गुस्साए बेढम
बेढम ने कहा, "कांग्रेस के नेता, विशेष रूप से गोविंद सिंह डोटासरा, इस कानून से तिलमिलाए हुए हैं क्योंकि यह उनके कुछ खास समर्थकों को निशाना बनाता है। इस कानून का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति को जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने से रोकना है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि डोटासरा इस कानून को लेकर जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वह यह स्पष्ट करते हैं कि वे कुछ खास धर्म के पक्ष में खड़े हैं। बेढम ने कहा कि अब राजस्थान में ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जहां लोगों को डराकर या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जाए।
नया कानून – सख्त सजा और जुर्माना
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि 29 नवंबर से यह कानून लागू हो चुका है और इसके तहत अगर कोई व्यक्ति जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराता है, तो उसे 7 से 14 साल तक की सजा और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। बेढम ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने इस कानून के तहत संबंधित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है और अब कोई भी इस प्रकार की गतिविधियों को अंजाम देने से पहले अच्छे से सोचने को मजबूर होगा।
विपक्ष की आलोचना – सरकार का कड़ा रुख
बेढम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर बयानों के जरिए जनता को गुमराह कर रहे हैं, लेकिन जनता अब समझ चुकी है कि कांग्रेस ऐसे लोगों के पक्ष में खड़ी है, जो जबरन और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवाते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले बेटियों को बरगलाकर या धमकाकर धर्म परिवर्तन कराया जाता था, लेकिन अब इस तरह की गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कानून का उद्देश्य – धर्म परिवर्तन रोकना
यह नया कानून राजस्थान सरकार द्वारा एक ऐतिहासिक कदम के रूप में पेश किया गया है, जो धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए तैयार किया गया है। राजस्थान की वर्तमान सरकार का कहना है कि यह कानून लोगों को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने का अधिकार देता है और जबरन धर्म परिवर्तन को समाप्त करने का प्रयास है।
अल्टीमेटम – कोई नहीं बचेगा
बेढम ने यह भी कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद अब कोई भी व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश करेगा, तो वह कानून के दायरे में आएगा और उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह संदेश भी दिया कि राजस्थान में अब इस प्रकार की अवैध गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं होगा।
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