करौली की धरोहर बचाने आगे आए युवा, प्राचीन हवेली को संग्रहालय बनाने की मांग

करौली। करौली की ऐतिहासिक पहचान मानी जाने वाली 19वीं शताब्दी की हवेली को बचाने के लिए युवाओं ने मोर्चा खोल दिया है। टीम Karaulians और श्री अंजनी यूथ ब्रिगेड ने केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री को ज्ञापन भेजकर हिंडौन गेट स्थित प्राचीन हवेली को ध्वस्त करने की योजना पर आपत्ति जताते हुए इसे संरक्षित करने और सांस्कृतिक संग्रहालय के रूप में विकसित करने की मांग की है।
युवाओं का कहना है कि यह हवेली केवल पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि करौली की सामूहिक स्मृतियों और स्थापत्य कला की धरोहर है। वर्ष 1988 से 2007 तक इसे कन्या कॉलेज के रूप में उपयोग किया गया था, जबकि अब इसे पार्किंग स्थल में बदलने की तैयारी है।
ज्ञापन में हवेली के स्थापत्य और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए बताया गया कि यहाँ के झरोखे, जालियां, शिवालय का गुंबद, भैरव मंदिर और नंदी जी की दुर्लभ प्रतिमा आज भी सुरक्षित स्थिति में हैं। परिसर में बृज शैली की चित्रकला और प्राचीन छतरियां भी मौजूद हैं। इतिहासकार बताते हैं कि यह हवेली महाराजा भोम पाल जी के दरबार के प्रतिष्ठित सदस्य गिरिवर सिंह और विशाल सिंह को आवंटित की गई थी।
युवाओं ने तीन प्रमुख मांगें रखीं—
1. हवेली को तोड़ने की योजना पर रोक लगे।
2. विशेषज्ञों और विरासत संरक्षण संस्थाओं की मदद से इसका संरक्षण किया जाए।
3. हवेली को सांस्कृतिक संग्रहालय में बदला जाए, जहाँ करौली की स्थापत्य कला, बृज चित्रशैली और रियासतकालीन इतिहास को प्रदर्शित किया जा सके।
ज्ञापन सौंपने वालों में Karaulians के फाउंडर देवराज पाल, आशीष पाल, भाजयुमो जिला मंत्री वैभव पाल, तथा अंजनी यूथ ब्रिगेड से अध्यक्ष दीपक सिंह राजपूत, युवराज सिंह, नितेश सिंह, मनीष सिंह रामपुरा, रवि प्रताप जी सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
युवाओं ने स्पष्ट कहा कि यदि इस धरोहर को बचाकर संग्रहालय बनाया गया, तो करौली न केवल पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान बनाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सांस्कृतिक धरोहर सुरक्षित रह सकेगी।
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