26 या 27 जुलाई, कब है हरियाली तीज? जानें सही तारीख और समय
हरियाली तीज 2025 के पर्व का महत्व जानें! जानिए सही मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व। जानें कैसे विवाहित और अविवाहित महिलाएं हरियाली तीज पर व्रत रखकर सुखमय जीवन की कामना करती हैं।

Hariyali Teej : हरियाली तीज का त्योहार भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो खासकर महिलाओं के लिए विशेष है। यह पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और इसे हरियाली तीज इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दौरान प्रकृति हरियाली से सजी होती है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं व्रत रखकर शिव-पार्वती का पूजन करती हैं और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना करती हैं। अविवाहित कन्याएं इस दिन उपवास रखकर योग्य वर की प्राप्ति के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगती हैं।
हरियाली तीज 2025: तारीख और समय
साल 2025 में हरियाली तीज का त्योहार 26 जुलाई को रात 10:44 बजे से शुरू होकर 27 जुलाई को रात 10:44 बजे तक रहेगा। हालांकि, पंचांग और उदयातिथि के अनुसार, हरियाली तीज का पर्व 27 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन को ब्रह्म मुहूर्त और अभिजीत मुहूर्त के समय पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:45 बजे से 5:30 बजे तक
संध्या काल: 5:08 बजे से 6:14 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:19 बजे से 1:11 बजे तक
हरियाली तीज का महत्व
यह दिन विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए व्रत करती हैं। इसके अलावा, यह पर्व अविवाहित कन्याओं के लिए भी खास होता है, क्योंकि वे इस दिन उपवास रखकर एक अच्छे और योग्य वर की प्राप्ति के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगती हैं।
हरियाली तीज पूजा विधि
हरियाली तीज के दिन पूजा की विधि बेहद खास होती है। महिलाएं इस दिन विशेष स्नान करती हैं और हरे या लाल रंग के कपड़े पहनती हैं। पूजा में सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। महिलाएं अपने हाथों में रंग-बिरंगी चूड़ियां पहनती हैं और सुहाग का सामान जैसे बिंदी, चूड़ियां, मंगलसूत्र आदि धारण करती हैं।
- पूजा सामग्री: इस दिन महिलाएं देवी पार्वती को फल, फूल, मिठाई, नारियल, और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करती हैं।
- व्रत और अनुष्ठान: महिलाएं पूरे दिन उपवास रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और लोक गीतों, नृत्य और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करती हैं।
हरियाली तीज की सांस्कृतिक परंपरा
हरियाली तीज सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर भी है। इस दिन महिलाएं अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर नृत्य करती हैं, लोक गीत गाती हैं, और तीज के पारंपरिक पकवानों का आनंद लेती हैं। यह दिन आनंद और उल्लास से भरपूर होता है, और इसे खासतौर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और अन्य उत्तरी भारतीय राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
हरियाली तीज का पर्व हर महिला के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह न केवल वैवाहिक जीवन की सुख-शांति की कामना करता है, बल्कि यह एक महिला की श्रद्धा, सम्मान और शक्ति को भी प्रदर्शित करता है। इस पर्व का जश्न प्रत्येक महिला को आत्मनिर्भरता और आनंद का अहसास कराता है।
हरियाली तीज के इस विशेष दिन को मनाने के लिए समय और सही मुहूर्त का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, हरियाली तीज के दौरान पूजा और व्रत के महत्व को समझना और इसे पारंपरिक तरीके से करना शुभफलदायी होता है।
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