SI भर्ती पेपर लीक में बड़ा खुलासा: उदयपुर के CDEO बुद्धिसागर उपाध्याय और उनके बेटे ट्रेनी SI आदित्य गिरफ्तार

राजस्थान की बहुचर्चित सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने एक बड़ा खुलासा करते हुए उदयपुर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (CDEO) बुद्धिसागर उपाध्याय और उनके बेटे आदित्य उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है। आदित्य हाल ही में ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर बना था और उसने टीएसपी क्षेत्र में 19वीं रैंक हासिल की थी।
कैसे हुआ पेपर लीक?
SOG की जांच में सामने आया कि बुद्धिसागर उपाध्याय ने पूर्व में गिरफ्तार शिक्षक कुंदन कुमार पंड्या से ₹10 लाख देकर SI भर्ती परीक्षा का लीक पेपर प्राप्त किया, जिसे उसने अपने बेटे को परीक्षा से पहले पढ़ाया। आदित्य ने इसी पेपर के आधार पर परीक्षा पास की।
बुद्धिसागर उपाध्याय वर्तमान में सायरा, उदयपुर में CDEO पद पर कार्यरत थे। इससे पूर्व वे भिनाय, अजमेर में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्यरत थे और 23 मई 2025 को ही उदयपुर में पदस्थापित हुए थे।
कुंदन से संपर्क कैसे हुआ?
सूत्रों के अनुसार बुद्धिसागर और कुंदन पंड्या के बीच संपर्क तब हुआ जब बुद्धिसागर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (TAD), उदयपुर में डेपुटेशन पर थे। उस दौरान कुंदन को हॉस्टल वार्डन का प्रभार मिला हुआ था। वहीं पूर्व RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा भी TAD में पदस्थ थे। इसी दौरान कुंदन ने बुद्धिसागर से उनके बेटे को SI पेपर दिलाने का वादा किया।
अब तक की गिरफ्तारियां
SOG ने इस मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें शामिल हैं:
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पुरुषोत्तम (सहायक लेखाधिकारी - AAO)
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संदीप
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कुंदन कुमार पंड्या (शिक्षक)
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बुद्धिसागर उपाध्याय (CDEO)
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आदित्य उपाध्याय (ट्रेनी SI)
अभ्यर्थी जिनका नाम सामने आया:
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रेनू
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सुरेंद्र बगड़िया
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विजेंद्र
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सुरजीत
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मनीष दाधीच (जो पेपर पढ़ने के बावजूद फेल हो गया)
कटारा और पेंशन डील की भूमिका
पुलिस सूत्रों का दावा है कि पेपर लीक की जड़ में सेवानिवृत्त RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा की भूमिका है। कटारा ने पेंशन प्रोसेसिंग में मदद के बदले कुंदन, पुरुषोत्तम और संदीप को परीक्षा से तीन दिन पहले पेपर उपलब्ध कराया। इन लोगों ने ₹10-10 लाख लेकर कई उम्मीदवारों को पेपर पढ़ाया।
CDEO बुद्धिसागर पहले भी जांच के घेरे में
जांच में यह भी सामने आया है कि बुद्धिसागर उपाध्याय पहले भी TAD विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में विभागीय कार्रवाई का सामना कर चुके हैं। अब उनके और उनके बेटे की गिरफ्तारी ने प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है।
आगे की जांच
SOG के अनुसार पूछताछ में अन्य अधिकारियों और अभ्यर्थियों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की जा रही हैं। पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश जल्द किया जाएगा।
निष्कर्ष:
यह मामला केवल एक परीक्षा का लीक नहीं है, बल्कि यह उस व्यवस्था की सच्चाई उजागर करता है, जहां पद का दुरुपयोग, रिश्वत और सिफारिशों के सहारे सरकारी नौकरियों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। यह उन हजारों मेहनती और ईमानदार अभ्यर्थियों के साथ विश्वासघात है जो वर्षभर परीक्षा की तैयारी करते हैं।
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