अलीगढ़: BJP विधायक ठाकुर रविंद्र पाल सिंह का धमकी भरा ऑडियो वायरल, ग्रामीणों में आक्रोश

अलीगढ़ के छर्रा से BJP विधायक ठाकुर रविंद्र पाल सिंह का धमकी भरा ऑडियो वायरल, किसान नेता को दी जान से मारने की धमकी। अकराबाद के ग्रामीणों में आक्रोश।

Jul 2, 2025 - 16:09
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अलीगढ़: BJP विधायक ठाकुर रविंद्र पाल सिंह का धमकी भरा ऑडियो वायरल, ग्रामीणों में आक्रोश
Thakur Ravendra Pal Singh MLA

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश: जनप्रतिनिधियों की भाषा और व्यवहार को लेकर एक बार फिर बड़ा विवाद सामने आया है। छर्रा से BJP विधायक ठाकुर रविंद्र पाल सिंह का एक धमकी भरा ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे खुले तौर पर एक किसान नेता को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी देते सुनाई दे रहे हैं।

ऑडियो में विधायक भारतीय किसान यूनियन (भानू) के प्रदेश उपाध्यक्ष को फोन पर धमकाते हुए कहते हैं, "औकात में रहो अपनी, वरना मर जाओगे।" इसके अलावा वे यह भी पूछते हैं, "तुम्हें शर्म नहीं आती? ये पोस्ट क्यों डाली?"

यह पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब किसान नेता ने अकराबाद और छर्रा को तहसील बनाए जाने की मांग को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा की। इसी पोस्ट से नाराज होकर विधायक ने उन्हें फोन किया और धमकी दी।

ग्रामीणों में आक्रोश:

विधायक की भाषा और रवैये को लेकर अकराबाद और आस-पास के ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि किसी जनप्रतिनिधि से इस तरह की असंवैधानिक भाषा की अपेक्षा नहीं की जाती। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो और दोषी जनप्रतिनिधि के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

भाकियू भानू का बयान:

किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि जनता के हित में आवाज उठाने पर धमकियां देना लोकतंत्र का अपमान है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

विधायक की सफाई अभी तक नहीं:

इस पूरे मामले में अब तक विधायक ठाकुर रविंद्र पाल सिंह की ओर से कोई आधिकारिक बयान या सफाई सामने नहीं आई है। लेकिन सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल होने के बाद सियासी माहौल गर्म हो गया है।

क्या कहती है कानून व्यवस्था?

कानूनी जानकारों का कहना है कि यदि ऑडियो की सत्यता साबित हो जाती है तो यह धमकी देने और सार्वजनिक पद के दुरुपयोग का मामला बन सकता है। ऐसे मामलों में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

इस प्रकरण ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या जनप्रतिनिधि आलोचना या जनहित के मुद्दों पर सवाल उठाने वालों को धमकाने का अधिकार रखते हैं? लोकतंत्र में मत और विचार की स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए, न कि उसे कुचला जाना चाहिए।

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Jitendra Meena Journalist, Editor ( Mission Ki Awaaz )