राजस्थान LDC परीक्षा नकलकांड: संगीता बिश्नोई ब्लूटूथ डिवाइस के साथ गिरफ्तार
राजस्थान LDC परीक्षा 2023 में नकलकांड का पर्दाफाश! संगीता बिश्नोई को SOG ने ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल करने के आरोप में गिरफ्तार किया। जानें पूरी खबर।

Rajasthan News : राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामला हाई कोर्ट LDC (लोअर डिवीजन क्लर्क) भर्ती परीक्षा 2022 से जुड़ा है, जिसमें संगीता बिश्नोई नाम की अभ्यर्थी को राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने गिरफ्तार किया है। संगीता पर ब्लूटूथ डिवाइस और मोबाइल ईयरपीस के जरिए नकल करने का आरोप है। यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की गई, जिसने न केवल संगीता के फर्जी चयन को उजागर किया बल्कि परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए।
नकलकांड का खुलासा:
19 मार्च 2023 को बीकानेर में आयोजित हाई कोर्ट LDC भर्ती परीक्षा के दौरान संगीता बिश्नोई ने आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर नकल की। उन्होंने ब्लूटूथ डिवाइस और माइक्रो-ईयरपीस का उपयोग किया, जिसके जरिए परीक्षा हॉल के बाहर मौजूद उनके सहयोगियों ने प्रश्नपत्र के उत्तर भेजे। इस नकल की मदद से संगीता ने परीक्षा पास की और जून 2023 में घोषित परिणाम में उनका चयन हो गया। यह परीक्षा 12 और 19 मार्च 2023 को 2800 पदों के लिए आयोजित की गई थी।
SOG को गुप्त सूचना मिली थी कि संगीता सहित 26 अन्य अभ्यर्थियों ने तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर नकल की थी। जांच में 18 अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गए, जिनमें संगीता बिश्नोई मुख्य आरोपी निकलीं। 8 जुलाई 2025 को जयपुर में SOG ने कोर्ट के आदेश पर संगीता को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ शुरू की।
SOG और ATS ने इस नकल कांड की गहन जांच शुरू की। कोर्ट के निर्देश पर संगीता की गिरफ्तारी के साथ-साथ 9 अन्य जूनियर असिस्टेंट्स को भी हिरासत में लिया गया, जो नकल के जरिए चयनित हुए थे। जांच में पता चला कि बीकानेर का कुख्यात पोराव गिरोह इस नकल कांड का मास्टरमाइंड था। इस गिरोह ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 18-20 लाख रुपये लेकर नकल की व्यवस्था की थी। गिरोह का सरगना पोराव कालेर पहले से जेल में है, लेकिन उसका नेटवर्क अभी भी सक्रिय है।
What's Your Reaction?






