पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या से मचा हड़कंप, विपक्ष ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल
पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने नीतीश सरकार और भाजपा पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

पटना, 5 जुलाई। बिहार की राजधानी पटना में प्रसिद्ध उद्योगपति गोपाल खेमका की दिनदहाड़े हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस जघन्य वारदात के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार एक बार फिर कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विशेष रूप से सीपीआई (एमएल) नेता सुदामा प्रसाद ने इस हत्या पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य में बढ़ते अपराधों पर चिंता जाहिर की है।
अपराधियों के शिकंजे में बिहार: सीपीआई (एमएल)
सीपीआई (एमएल) नेता सुदामा प्रसाद ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बिहार अब अपराधियों के चंगुल में फंसता जा रहा है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2018 में गोपाल खेमका के बेटे की भी हत्या कर दी गई थी, और अब खुद खेमका की निर्मम हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले राज्य में कानून-व्यवस्था की पूरी तरह से पोल खोलते हैं।
व्यापारी समुदाय में फैला डर का माहौल
सुदामा प्रसाद ने बिहार में व्यापारियों पर हो रहे हमलों की सिलसिलेवार घटनाओं को गिनाते हुए कहा कि:
- नवगछिया में किराना व्यापारी विनय गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- बेगूसराय में भी एक व्यापारी को मौत के घाट उतार दिया गया।
- वैशाली जिले में अपराधियों ने 19 जून को एक दुकान में घुसकर ₹90,000 लूटे और दुकानदार की हत्या कर दी।
- हाजीपुर और छपरा में भी व्यापारियों की हत्या की घटनाएं सामने आईं।
- पटना में नेता प्रतिपक्ष के आवास के बाहर खुलेआम फायरिंग की गई और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इन घटनाओं के हवाले से उन्होंने कहा कि जब राजधानी पटना तक सुरक्षित नहीं है, तो राज्य के अन्य जिलों की स्थिति का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।
भाजपा और केंद्र सरकार पर सवाल
सुदामा प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब अन्य राज्यों, विशेष रूप से विपक्ष-शासित बंगाल या तमिलनाडु में कोई घटना होती है, तो भाजपा नेताओं की टीमें जांच के लिए पहुंच जाती हैं। लेकिन बिहार की बिगड़ती स्थिति पर न तो भाजपा कोई प्रतिक्रिया देती है और न ही कोई टीम भेजी जाती है। उन्होंने सवाल किया कि बिहार को लेकर भाजपा का यह दोहरा रवैया क्यों है?
परिजनों की सुरक्षा की मांग
सीपीआई (एमएल) नेता ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मांग की कि गोपाल खेमका के परिजनों को तत्काल सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए और मामले की सीबीआई या हाई लेवल एसआईटी जांच कराई जाए, ताकि दोषियों को सख्त सजा दी जा सके।
सवाल -
गोपाल खेमका की हत्या केवल एक व्यापारी की मौत नहीं, बल्कि बिहार में व्यापारियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न है। लगातार हो रही ऐसी घटनाएं यह दिखा रही हैं कि राज्य में कानून का भय कम और अपराधियों का मनोबल ऊंचा है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या विपक्ष की मांगों पर कोई कार्रवाई होती है।
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