पाकिस्तान भारत को सौंप सकता है हाफिज सईद और मसूद अजहर? बिलावल भुट्टो का बड़ा बयान

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यदि भारत सहयोग करे तो पाकिस्तान हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आरोपितों को प्रत्यर्पित करने को तैयार है। जानें इस बयान के मायने

Jul 6, 2025 - 08:24
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पाकिस्तान भारत को सौंप सकता है हाफिज सईद और मसूद अजहर? बिलावल भुट्टो का बड़ा बयान

नई दिल्ली/इस्लामाबाद– पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भारत-पाक संबंधों को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जो दोनों देशों के लिए अहम साबित हो सकता है। बिलावल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि भारत इस प्रक्रिया में गंभीरता से भाग लेता है, तो पाकिस्तान को उन व्यक्तियों को भारत को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं होगी जो जांच के दायरे में आते हैं।

यह बयान बिलावल ने शुक्रवार को अल जज़ीरा को दिए गए एक विशेष इंटरव्यू में दिया, जिसमें उन्होंने भारत-पाक संबंधों, आतंकवाद और क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर खुलकर बात की।

हाफिज सईद और मसूद अजहर का जिक्र

बिलावल के इस बयान को भारत में लंबे समय से वांछित हाफिज सईद और मसूद अजहर से जोड़कर देखा जा रहा है। ये दोनों आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में भारत की वांछित सूची में शामिल हैं। भारत सरकार कई बार इन आतंकियों के प्रत्यर्पण की मांग पाकिस्तान से कर चुकी है।

बिलावल ने इंटरव्यू में कहा:

 "यदि भारत सहयोग करने को तैयार है और प्रक्रिया को गंभीरता से आगे बढ़ाता है, तो हम उन व्यक्तियों के प्रत्यर्पण में कोई आपत्ति नहीं रखेंगे, जो कानूनी रूप से जांच के घेरे में आते हैं।"

भारत-पाक संबंधों में नया मोड़?

बिलावल भुट्टो ज़रदारी का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के संबंधों में लंबे समय से तनाव बना हुआ है। आतंकी घटनाओं, खासकर 26/11 मुंबई हमलों, पठानकोट और उरी जैसे हमलों के बाद दोनों देशों के बीच संवाद लगभग बंद हो गया था।

इस बयान को कुछ विश्लेषकों द्वारा एक राजनयिक संकेत माना जा रहा है कि पाकिस्तान अब आतंक के मुद्दे पर नरम रुख अपनाने की कोशिश कर सकता है, खासकर अंतरराष्ट्रीय दबाव और FATF जैसे संगठनों की निगरानी के बीच।

भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार

अब सभी की निगाहें भारत सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। यदि पाकिस्तान वास्तव में इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाता है, तो यह दक्षिण एशिया में सुरक्षा और स्थिरता के लिहाज से एक बड़ा बदलाव हो सकता है।

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Jitendra Meena Journalist, Editor ( Mission Ki Awaaz )