दहेज प्रकरण से अवसाद में आए युवक ने की आत्महत्या, फंदे से लटका मिला शव

Jul 6, 2025 - 11:37
Jul 6, 2025 - 11:38
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दहेज प्रकरण से अवसाद में आए युवक ने की आत्महत्या, फंदे से लटका मिला शव

हिंडौन सिटी (राजस्थान): खरेटा रोड स्थित जाटव बस्ती में रविवार तड़के एक युवक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान मोहर सिंह (22) के रूप में हुई है। परिजनों का आरोप है कि ससुराल पक्ष द्वारा दहेज का मामला दर्ज कराए जाने के बाद वह गहरे मानसिक तनाव में था, जिसके चलते उसने यह कठोर कदम उठाया।

शादी के बाद नहीं हुआ गौना, पत्नी नहीं आई ससुराल

कोतवाली थाना के सब इंस्पेक्टर हीरा लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतक मोहर सिंह की शादी वर्ष 2019 में सोमली निवासी पायल के साथ हुई थी। लेकिन विवाह के बाद गौना नहीं हुआ और पत्नी मायके में ही रही। कई वर्षों तक पति-पत्नी एक साथ नहीं रह पाए।

इसी बीच पत्नी पक्ष द्वारा दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। परिवार का कहना है कि इस प्रकरण के बाद मोहर सिंह मानसिक रूप से बुरी तरह टूट गया था और अवसाद से जूझ रहा था।


रविवार तड़के सामने आई घटना

घटना रविवार सुबह करीब 3 बजे की है। जब मोहर सिंह की मां उसके कमरे की तरफ गईं तो दरवाजा अंदर से बंद था। कई बार आवाज देने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर खिड़की से झांककर देखा गया तो मोहर सिंह पंखे से फांसी के फंदे पर लटका मिला। महिला की चीख-पुकार सुनकर अन्य परिजन दौड़े और दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा।

परिजन तत्काल उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


पुलिस जांच जारी

कोतवाली थाने से सब इंस्पेक्टर हीरा लाल पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मेडिकल ज्यूरिस्ट से पोस्टमॉर्टम कराए जाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने बताया कि रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद मामले की विस्तृत जांच की जाएगी

परिवार ने बताया कि मोहर सिंह मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता था और घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था।


सामाजिक प्रश्न

इस घटना ने एक बार फिर यह प्रश्न उठाया है कि दहेज से जुड़े कानूनी प्रकरणों में निष्पक्ष और समयबद्ध जांच कितनी आवश्यक है। बिना सहजीवन के विवाह और वर्षों तक बिछड़े दंपत्ति के बीच उत्पन्न वैवाहिक तनाव, न्याय प्रणाली की प्रक्रिया और सामाजिक दबाव जैसे मुद्दे कई बार युवाओं को जीवन से हार मानने पर विवश कर देते हैं।

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Raj Kumar Bijoriya राज कुमार बिजोरिया – ज़मीनी सच्चाइयों की आवाज़ राज कुमार बिजोरिया मिशन की आवाज़ के समर्पित पत्रकार हैं, जो ग्रामीण और सामाजिक मुद्दों की गहराई तक जाकर निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं। वे समाज के उन पहलुओं को उजागर करते हैं जो अक्सर मुख्यधारा की मीडिया से अनदेखे रह जाते हैं। उनकी रिपोर्टिंग का मुख्य केंद्र ग्राम्य विकास, शिक्षा, जल समस्या, सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों की आवाज़ है। राज कुमार की कलम में सच्चाई है, और उनकी पत्रकारिता में ज़िम्मेदारी। वे न केवल समाचार बताते हैं, बल्कि समाज को जागरूक करने का कार्य भी करते हैं। मिशन की आवाज़ के साथ जुड़कर उन्होंने कई जमीनी रिपोर्ट्स, विशेष कवरेज और जन-सरोकार से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। उनका उद्देश्य पत्रकारिता को एक सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाना है।