लवेश गुर्जर को धमकियां और हमले: बारां-अटरु की सड़कों पर सवाल उठाने की सजा?
लवेश गुर्जर को बारां-अटरु की खराब सड़कों पर वीडियो बनाने के बाद धमकियां और हमले का सामना करना पड़ रहा है। बिना किसी नेता का नाम लिए भी FIR और जान से मारने की धमकी। पढ़ें पूरा मामला।

Lavesh Gurjar : सोशल मीडिया क्रिएटर लवेश गुर्जर को बारां-अटरु विधानसभा की खराब सड़कों और अधूरे ओवरब्रिज पर वीडियो बनाने के बाद धमकियां और हमले का सामना करना पड़ रहा है। वीडियो में किसी नेता का नाम नहीं लिया गया, फिर भी सत्ताधारी नेताओं की ओर से दबाव और धमकी की मिल रही है । सोशल मीडिया पर लवेश के समर्थन में लोग, गुर्जर समाज और प्रशंसक खड़े हुए दिख रहे है और पुलिस से कार्रवाई की मांग की मांग कर रहे है ।
लवेश गुर्जर कौन हैं? ( lavesh Gurjar )
लवेश गुर्जर राजस्थान के बारां जिले के एक लोकप्रिय सोशल मीडिया क्रिएटर और कॉमेडियन हैं, जो हाड़ौती भाषा में अपने हास्य और सामाजिक मुद्दों पर आधारित वीडियो के लिए जाने जाते हैं। उनके वीडियो स्थानीय भाषा और संस्कृति को दर्शाते हुए सामाजिक समस्याओं पर तंज कसते हैं, जिसके कारण उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में, लवेश गुर्जर ने बारां-अटरु विधानसभा क्षेत्र की खराब सड़कों और अधूरे ओवरब्रिज की समस्या को उजागर करने के लिए एक वीडियो बनाया। यह वीडियो स्थानीय लोगों के आग्रह पर तैयार किया गया था, जिसमें क्षेत्र की बदहाल सड़कों और अधूरी परियोजनाओं की स्थिति को दिखाया गया। वीडियो में लवेश ने किसी भी नेता या राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया, फिर भी इसे उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड करने के बाद सत्ताधारी नेताओं को यह नागवार गुजरा।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो के बाद लवेश को कथित तौर पर धमकियां मिलनी शुरू हुईं। कुछ लोगों ने उनसे वीडियो हटाने का दबाव बनाया, जबकि कुछ ने FIR दर्ज करने और जान से मारने की धमकी दी। स्थिति तब और गंभीर हो गई, जब लवेश पर बाइक से जाते समय कथित तौर पर जानलेवा हमला हुआ।
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सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध
लवेश गुर्जर के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक बड़ा अभियान शुरू हो गया है। कई यूजर्स ने उनके हक में आवाज उठाई और सत्ताधारी नेताओं पर सवाल खड़े किए। एक यूजर ने लिखा, "लवेश गुर्जर अकेला नहीं है, उनके साथ पूरा बारां, राजस्थान और गुर्जर समाज है।" एक अन्य पोस्ट में कहा गया, "सच बोलना अपराध नहीं है, लवेश ने केवल जनता की समस्या को उठाया।"
वहीं, कुछ लोग सत्ताधारी नेताओं का बचाव करते हुए इसे गलत समझने की बात कह रहे हैं। लेकिन अधिकांश यूजर्स का मानना है कि लवेश ने केवल जनता की आवाज को सोशल मीडिया के जरिए उठाया, और उन्हें इसके लिए निशाना बनाना गलत है।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
लवेश के समर्थकों ने बारां पुलिस से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पुलिस को टैग करते हुए कहा कि अगर लवेश के साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक FIR या पुलिस कार्रवाई की पुष्टि नहीं हुई है।
क्या है बारां-अटरु की समस्या?
बारां-अटरु विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से सड़कों की खराब स्थिति और अधूरे ओवरब्रिज की समस्या चर्चा में रही है। स्थानीय लोग इन समस्याओं से परेशान हैं और इसे बार-बार प्रशासन के सामने उठाते रहे हैं। लवेश का वीडियो इन्हीं समस्याओं को हास्य के साथ उजागर करने का प्रयास था, लेकिन यह सत्ताधारी नेताओं को रास नहीं आया।
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लवेश की प्रतिक्रिया -
लवेश गुर्जर ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि वह डरने वाले नहीं हैं और जनता की आवाज उठाते रहेंगे। उनके प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर हैशटैग #JusticeForLavesh और #Rajasthan के साथ अभियान शुरू किया है।
सोशल मीडिया की ताकत और खतरे
यह मामला एक बार फिर सोशल मीडिया की ताकत और उससे जुड़े खतरों को उजागर करता है। एक ओर जहां सोशल मीडिया आम लोगों को अपनी बात रखने का मंच देता है, वहीं यह विवादों और धमकियों का कारण भी बन सकता है। पहले भी कई सोशल मीडिया क्रिएटर्स को अपने वीडियो या पोस्ट के कारण धमकियों का सामना करना पड़ा है।
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