Karauli : एक दिवसीय जिला स्तरीय अधिवक्ताओं का प्रशिक्षण शिविर हुआ सम्पन्न
दलित अधिकार केंद्र द्वारा दिनांक 22 सितंबर, 2024 को राजरानी पैलेस मैरिज गार्डन, जिला करौली में अधिवक्ताओं का एक दिवसीय जिला स्तरीय क्षमतावर्धन प्रशिक्षण शिविर का सफल आयोजन किया गया। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करते हुए दलित अधिकार केंद्र के जिला समन्वयक मीठालाल जाटव ने सभी का स्वागत किया और बाबा साहब की तस्वीर पर सभी ने पुष्पांजलि अर्पित की।
मीठालाल ने शिविर की रूपरेखा व कार्यक्रम के बारे में बताया। प्रशिक्षण शिविर में दलित अधिकार केंद्र के मुख्य कार्यकारी एडवोकेट हेमंत कुमार मीमरोठ द्वारा प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया तथा दलित अधिकार केंद्र का परिचय देकर कार्यक्रम शुरू किया गया। शिविर में दलित अधिकार केंद्र के निदेशक एडवोकेट सतीश कुमार ने एससी/एसटी एक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि एससी/ एसटी एक्ट दुनिया का सबसे अच्छा व प्रभावशाली कानून है लेकिन पुलिस प्रशासन की उदासीनता व संवेदनशीलता के अभाव के कारण से इस कानून की प्रभावी पालन नहीं हो रही है। इसलिए हम सभी वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि हम लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर कहीं पर भी दलित लोगों पर अत्याचार होता है तो इस एक्ट के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कैसे करवाएं इस पर प्रकाश डाला और आपने कहा कि पुलिस प्रशासन व अत्याचार करने वाले समुदाय के लोग यह कहते हैं कि एससी/ एसटी एक्ट का दुरुपयोग होता है लेकिन दलित अधिकार केंद्र का मानना है कि अभी तो इस कानून का उपयोग ही शुरू नहीं हुआ है तो दुरुपयोग कहां से होगा। क्योंकि अभी तक तो पूरे कानून का प्रचार- प्रसार ही नहीं हुआ है। कानून के प्रति पुलिस प्रशासन संवेदनसील नहीं हुआ है।आपने बताया कि हम सभी को विभिन्न प्रकार की एप्लीकेशनों के माध्यम से और एक्ट को अच्छी तरह से अध्ययन करके उसके सारे प्रावधानों को लागू करवाने की दिशा में बहुत ही मजबूती के साथ काम करना होगा और अपने केसों में मजबूती के साथ पैरवी करनी होगी तभी हम इस एक्ट का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन करवाने में सफल हो पाएंगे। अतः हमारी सामाजिक कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी बनती है कि हम कानून के दायरे में रहकर पुलिस प्रशासन व जन प्रतिनिधियों तथा कानून की पालना करने वाले उच्च अधिकारियों को संवेदनशील करने का काम करें। दलित अधिकार केंद्र के शहर निदेशक एडवोकेट चांदलाल बैरवा ने नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1995 में व संशोधन अधिनियम 1976 (PCR Act) के बारे में विस्तार से समझाते हुए कहा की न केवल राजस्थान राज्य अपितु पूरे भारत में पिछले कई वर्षों से पीसीआर एक्ट में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है क्योंकि पीसीआर एक्ट के बारे में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों, लोगों ,वकीलों को ज्यादा जानकारी नहीं होती है। लोग एससी/ एसटी एक्ट आने के बाद पीसीआर एक्ट को लगभग भूल से गए हैं जबकि पीसीआर एक्ट में भी एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं और इस कानून को भी हमें प्रभावी बनाना है और इसके तहत केस दर्ज करवाने हैं। आपने विभिन्न धाराओं को विस्तार से समझाया और बताया की इसे कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है। सभी को इस एक्ट को प्रभावी बनाने के पर बल दिया।
दलित अधिकार केंद्र कि राज्य समन्वय खुशबू सोलंकी ने महिला केसों में किस तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है व उनका समाधान कैसे किया जा सकता है इसके बारे में बताया और कानूनी रूप से कैसे मजबूत पैरवी करें इसके बारे में भी जानकारी दी। दलित महिला मंच की राज्य समन्वयक कश्मीरा सिंह ने महिलाओं की प्राचीन काल से वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए प्रकाश डाला और बताया की महिलाएं समाज में किस लेवल पर है? आज भी महिलाओं के साथ भेदभाव छुआछूत अत्याचार की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं। ना छोटी बच्ची सुरक्षित है ना वृद्ध महिला सुरक्षित है इस तरह का माहौल बना हुआ है। इस भय के माहौल में महिलाएं कैसे सुरक्षित रह पाएंगी इसके लिए हम सभी को संगठित रूप से शिक्षित, जागरूक और संगठित होकर लड़ाई लड़नी होगी तभी हम अपनी बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित कर पाएंगे। आपने विभिन्न महिला सुरक्षा कानूनों के बारे में जानकारी दी और महिलाओं को भी मजबूती के साथ लड़ाई लड़ने के लिए व मोटिवेशनल रूप से प्रेरित किया बाबा साहब के ध्येय वाक्य शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो के नारे को बुलंद करते हुए बताया कि हमें शिक्षित भी होना है संघर्ष भी करना है और संगठित होकर मजबूती से महिलाओं और समाज गरीब और कमजोर लोगों की लड़ाई लड़ने का काम करना है।
दलित अधिकार केंद्र गंगापुर सिटी के जिला समन्वयक मनोज कुमार जाटव ने कार्यक्रम में पधारे हुए सभी अतिथियों और वकीलों का धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रशिक्षण शिविर में करौली, सवाई माधोपुर और गंगापुर सिटी से लगभग 50 वकीलों ने भाग लिया।
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