ससुराल में अकेली पड़ी रोली मिश्रा: पति राम गोपाल मिश्रा की मौत के बाद संघर्ष की कहानी
राम गोपाल मिश्रा की मौत के बाद रोली मिश्रा के जीवन में आई मुश्किलों और उनके संघर्ष की कहानी। समाज, परिवार और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता।

बहराइच, यूपी । हाल ही में बहराइच हिंसा में राम गोपाल मिश्रा की दुखद मौत के बाद उनकी पत्नी रोली मिश्रा के जीवन में आई काली घटाएँ पूरी दुनिया के सामने आई हैं। जहां एक तरफ सरकार और समाज ने उन्हें सिम्पैथी दी, वहीं दूसरी ओर ससुराल में उनका जीवन मुश्किलों से भरा हुआ हो गया है। राम गोपाल मिश्रा की मौत के बाद, रोली मिश्रा की ज़िन्दगी में एक गहरा खालीपन आ गया। शादी के महज तीन महीने बाद ही वह अकेली पड़ गईं। पति की मौत ने उन्हें न केवल मानसिक आघात पहुँचाया, बल्कि उन्हें ससुराल में भी अकेला और लाचार बना दिया।
हालांकि, रोली को समाज और सरकार से मदद की उम्मीद थी और उसे कुछ राहत मिली भी। उन्हें मुआवजा और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास भी मिला। रोली ने अपने नए घर के निर्माण में मिले मुआवजे का पूरा इस्तेमाल किया और ससुराल में ही पीएम आवास बनवाया।
ससुराल में बढ़ती मुश्किलें :
लेकिन, जैसे ही वक्त बीता, रोली को ससुराल में अकेले रहने की कठिनाई का सामना करना पड़ा। सरकार की तरफ से एक नौकरी का वादा किया गया था, लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हुआ। रोली के लिए यह एक बड़ा झटका था, क्योंकि एक महिला के लिए ससुराल में अकेले रहना और परिवार की जिम्मेदारियों को निभाना बहुत कठिन हो सकता है। आर्थिक संकट और मानसिक तनाव के साथ-साथ रोली को यह भी महसूस होने लगा कि उन्हें अपने परिवार का ध्यान रखने और अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए एक मजबूत कदम उठाना होगा।
ससुराल की जिम्मेदारियों का बोझ :
रोली के अनुभव से यह भी साफ होता है कि ससुराल में महिलाएं अक्सर अकेलेपन का शिकार हो जाती हैं। खासकर जब उनके जीवनसाथी का निधन हो जाता है या वे किसी प्रकार के शारीरिक, मानसिक या आर्थिक संकट का सामना करती हैं। यह समय किसी भी महिला के लिए बहुत कठिन होता है, और समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वे ऐसी महिलाओं को सहारा दें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
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