भारत के विमान हादसों का इतिहास: अहमदाबाद हादसे से चरखी दादरी तक

नई दिल्ली, 12 जून 2025
भारत एक बार फिर विमानन त्रासदी के गवाह बना है। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI171 टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे।
इस हादसे ने उन भीषण विमान दुर्घटनाओं की याद ताजा कर दी है, जिन्होंने भारत के एविएशन सेक्टर को हिला कर रख दिया था।
भारत के सबसे बड़े विमान हादसे:
1. चरखी दादरी एयर क्रैश (1996)
349 लोगों की मौत। यह अब तक भारत की सबसे घातक विमान दुर्घटना है। दो विमानों — सउदी अरब एयरलाइंस और कजाकिस्तान एयरलाइंस — की हवा में टक्कर से यह हादसा हुआ था। इसके बाद भारत में TCAS सिस्टम अनिवार्य कर दिया गया।
2. एयर इंडिया फ्लाइट AI171 (2025)
अहमदाबाद से लंदन रवाना होते ही हादसा। विमान में दो अनुभवी पायलट और 10 केबिन क्रू सहित 242 लोग सवार थे। इस पर विस्तृत जांच जारी है।
3. कोझिकोड रनवे हादसा (2020)
एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 1344 भारी बारिश में रनवे से फिसल कर घाटी में जा गिरी। 21 लोगों की मौत हुई।
4. मंगलुरु हादसा (2010)
एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 812 टेबलटॉप रनवे से फिसली और आग लग गई। 158 मौतें। यह रनवे सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल बना।
5. पटना हादसा (2000)
एलायंस एयर फ्लाइट 7412 घनी आबादी वाले इलाके में गिरा। 60 मौतें, जिनमें 5 लोग ज़मीन पर मारे गए। छोटे शहरों के एयरपोर्ट्स की एप्रोच को लेकर सुधार हुआ।
6. बेंगलुरु A320 हादसा (1990)
A320 की तकनीकी जटिलताओं से पायलट भ्रमित हुए। 92 मौतें। इसके बाद नए विमानों के लिए पायलट प्रशिक्षण पर जोर बढ़ा।
7. अहमदाबाद क्रैश (1988)
इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 113 रनवे से पहले क्रैश हो गई। 133 लोगों की मौत। खराब विजिबिलिटी और ATC की लापरवाही प्रमुख कारण।
8. मुंबई AI855 हादसा (1978)
टेकऑफ के 101 सेकंड बाद अरब सागर में गिरा विमान। 213 मौतें। इंस्ट्रूमेंट फेल्योर और पायलट भ्रम के कारण हुआ हादसा।
9. दिल्ली पालम हादसा (1973)
बोइंग 737-200 हाई टेंशन तारों से टकराया। 48 मौतें। इस दुर्घटना ने बेहतर मौसम रडार और अप्रोच सिस्टम की जरूरत बताई।
निष्कर्ष:
अहमदाबाद की घटना ने एक बार फिर हमें याद दिलाया कि तकनीक और अनुभव के बावजूद, विमान सुरक्षा में सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। इन हादसों ने भारत की एविएशन नीतियों में कई अहम बदलाव लाए, और हर बार हमें यही सिखाया कि सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।
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