अहमदाबाद विमान हादसा: भारतीय विमानन इतिहास की सबसे भयावह दुर्घटनाओं में से एक

गुरुवार को दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए रवाना हुआ एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर महज 5 मिनट की उड़ान के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा मेघाणीनगर के एक रिहायशी इलाके में एक इमारत से टकराकर हुआ, जिसमें कई लोगों की जानें जाने की आशंका है। इस भयावह घटना ने एक बार फिर भारत के विमानन इतिहास की उन काली तारीखों को याद दिला दिया जब नेता, अधिकारी और आम नागरिकों ने आसमान में उड़ते वक्त अपनी जान गंवा दी।
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी थे सवार
सूत्रों के मुताबिक गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी इस फ्लाइट में सवार थे और अपनी बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। प्रारंभिक रिपोर्टों में उनके जीवित बचने की संभावना कम बताई गई है, हालांकि अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
इतिहास में ऐसे और भी हादसे:
भारत के विमानन इतिहास में कई बड़े नेता विमान हादसों का शिकार हो चुके हैं। आइये जानते हैं कुछ प्रमुख घटनाएं:
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सुभाष चंद्र बोस (1945)
स्थान: ताइहोकू एयरपोर्ट, ताइवान
घटना: जापानी सैन्य विमान क्रैश, नेताजी की मृत्यु आज भी विवादित है। -
संजय गांधी (1980)
स्थान: नई दिल्ली
घटना: खुद विमान उड़ा रहे थे, करतब दिखाने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गए। -
माधवराव सिंधिया (2001)
स्थान: मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
घटना: चार्टर्ड विमान दुर्घटनाग्रस्त, तकनीकी खराबी रही वजह। -
जीएमसी बालयोगी (2002)
स्थान: आंध्र प्रदेश
घटना: हेलीकॉप्टर दुर्घटना, लोकसभा अध्यक्ष का निधन। -
ओपी जिंदल व सुरेंद्र सिंह (2005)
स्थान: सहारनपुर, यूपी
घटना: हेलीकॉप्टर क्रैश में हरियाणा के दो वरिष्ठ नेताओं की मौत। -
वाईएस राजशेखर रेड्डी (2009)
स्थान: नल्लामला जंगल, आंध्र प्रदेश
घटना: सरकारी हेलीकॉप्टर क्रैश, मुख्यमंत्री समेत सभी की मौत। -
दोर्जी खांडू (2011)
स्थान: तवांग, अरुणाचल प्रदेश
घटना: खराब मौसम में हेलीकॉप्टर से संपर्क टूटा, शव चार दिन बाद मिले।
निष्कर्ष:
हर बार जब विमान दुर्घटनाएं होती हैं, वह न केवल तकनीकी लापरवाहियों और मौसमीय खतरों की ओर इशारा करती हैं, बल्कि नागरिक उड्डयन व्यवस्था को सुधारने की अपील भी करती हैं। अहमदाबाद हादसे की जांच के बाद उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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