लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को मिला बड़ा प्रमोशन: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद बने डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सुरक्षा)

नई दिल्ली। भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सुरक्षा) के अत्यंत महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति ऑपरेशन सिंदूर की सफल अगुवाई और उनकी रणनीतिक दक्षता के चलते दी गई है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को लक्ष्य कर ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस ऑपरेशन को बड़ी सफलता और जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा गया। इसमें लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई की रणनीति और नेतृत्व प्रमुख भूमिका में रहा।
नया पद: डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सुरक्षा)
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यह पद सेना प्रमुख के बाद दूसरी सबसे वरिष्ठ जिम्मेदारी मानी जाती है।
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सेना के सभी ऑपरेशनल वर्टिकल्स इसी पद को रिपोर्ट करते हैं।
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अधिकारी को रणनीति, प्रशासन, मंत्रालय के साथ तालमेल, और सैन्य ऑपरेशनों की जिम्मेदारी दी जाती है।
➡️ लेफ्टिनेंट जनरल घई अपने मौजूदा पद (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस – DGMO) पर भी कार्यरत रहेंगे।
पहलगाम हमले में निभाई थी अग्रणी भूमिका
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घई सेना का सार्वजनिक चेहरा बनकर उभरे जब उन्होंने हमले के बाद नियमित ब्रीफिंग की।
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पाकिस्तान के DGMO ने घई से संपर्क कर जवाबी कार्रवाई रोकने की अपील की थी।
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लेकिन भारतीय सेना ने स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
कितनी होगी सैलरी?
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सातवें वेतन आयोग के अनुसार, इस स्तर के अधिकारियों की बेसिक सैलरी ₹2,25,000 प्रति माह होती है।
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भत्तों समेत यह राशि ₹2.5 लाख से ₹3 लाख तक जा सकती है।
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यह सैलरी उनके अनुभव और संवेदनशील जिम्मेदारी के अनुरूप है।
घई का सैन्य अनुभव
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श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) के कमांडर रह चुके हैं।
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उनके नेतृत्व में कई सफल सैन्य ऑपरेशंस अंजाम दिए गए।
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उनके काम की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई और अब यह पदोन्नति उसी का प्रमाण है।
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