जब हकीकत ने दोहराई 'सात खून माफ' की कहानी – सोनम से लेकर सुजाना तक

मेघालय में सामने आई राजा रघुवंशी हत्याकांड की सच्चाई ने पूरे देश को झकझोर दिया। जहां एक पत्नी ने अपने पति की हत्या की साजिश रचकर उसे बेरहमी से मरवा डाला, वहीं इसी थीम पर बनी 2011 की बॉलीवुड फिल्म 'सात खून माफ' भी लोगों के ज़हन में ताज़ा हो उठी। क्या रील और रियल लाइफ में कोई समानता हो सकती है? इस घटना ने यही सवाल खड़ा कर दिया है।
हकीकत में एक हत्या, फिल्म में सात
राजा रघुवंशी की पत्नी सोनम ने शादी के 11 दिन बाद ही पति की हत्या की योजना को अंजाम दिया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह हत्या प्यार में धोखा, पारिवारिक दबाव और साजिश का खतरनाक मिश्रण थी।
दूसरी ओर, विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित फिल्म सात खून माफ में प्रियंका चोपड़ा द्वारा निभाया गया किरदार सुजाना अन्ना-मैरी जोहनेस अपने सात पतियों को एक-एक कर मार डालती है, हर बार एक नए धोखे और असंतोष की वजह से।
फिल्म की कहानी – ‘सात पतियों की मौत’
यह फिल्म रस्किन बॉन्ड की शॉर्ट स्टोरी Susanna’s Seven Husbands पर आधारित है। सुजाना को सच्चे प्यार की तलाश रहती है, लेकिन हर बार उसे धोखा, अत्याचार या उदासीनता मिलती है। नतीजा – वह अपने पति को मार डालती है।
फिल्म में नजर आए यह 7 पतियों के किरदार:
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नील नितिन मुकेश – अत्याचारी सैनिक
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जॉन अब्राहम – नशेड़ी म्यूज़िशियन
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इरफान खान – हिंसक शायर
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अलेक्जेंडर डाइचेंको – जासूस
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अनु कपूर – लालची डॉक्टर
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नसीरुद्दीन शाह – धार्मिक ढोंगी
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विवान शाह – युवक जो सच जानता है
सिनेमा और समाज – खतरनाक मेल
राजा की हत्या एक पूर्व-नियोजित रियल क्राइम है, जबकि 'सात खून माफ' काल्पनिक, लेकिन गहराई से समाज की उस सोच को दिखाती है जहां रिश्तों में दम घुटता है और महिला का क्रोध घातक रूप ले लेता है।
जहां एक तरफ रील लाइफ की सुजाना अपने दुखों से पलायन के लिए हत्या का रास्ता चुनती है, वहीं रियल लाइफ की सोनम ने अपने प्रेमी और दोस्तों के साथ मिलकर पति को ही मिटा दिया।
निष्कर्ष
'सात खून माफ' एक सिनेमाई कल्पना थी, लेकिन सोनम और राजा की कहानी ने साबित कर दिया कि कभी-कभी फिल्मी कहानियां डरावनी सच्चाई में भी बदल जाती हैं।
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