चुनाव आयोग का जवाब: कांग्रेस ने महाराष्ट्र चुनाव के बाद ही उठाई मतदाता सूची पर आपत्ति

चुनाव आयोग (ECI) ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान मतदाता सूची को लेकर कोई गंभीर आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी। आयोग का कहना है कि कांग्रेस ने यह मुद्दा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद उठाया और चुनाव प्रक्रिया के दौरान या उससे पूर्व किसी भी स्तर पर इस बारे में कोई औपचारिक शिकायत नहीं दी गई।
राहुल गांधी के ‘मैच फिक्सिंग’ बयान पर प्रतिक्रिया
यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए उस कथन के बाद आया है जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र चुनावों को ‘मैच फिक्सिंग’ करार दिया था। राहुल गांधी ने एक लेख में लिखा था कि बीजेपी को जिताने के लिए चुनावों में हेरफेर किया गया और आगे बिहार में भी ऐसा हो सकता है।
चुनाव आयोग की दलीलें:
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नियमित संशोधन प्रक्रिया: आयोग ने बताया कि मतदाता सूचियों का हर साल नियम के तहत संशोधन होता है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों को भाग लेने और आपत्ति दर्ज कराने का अवसर दिया जाता है।
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नि:शुल्क प्रतियां: सूचियों की मसौदा और अंतिम प्रतियां सभी मान्यता प्राप्त दलों को नि:शुल्क दी जाती हैं – डिजिटल और कागजी दोनों रूपों में।
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BLO सत्यापन: प्रत्येक नाम का क्षेत्रीय स्तर पर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाता है, फिर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा निर्णय लिया जाता है।
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कानूनी प्रक्रिया: मतदाता सूची में नाम जोड़ने/हटाने का कार्य जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के तहत किया जाता है।
आयोग की टिप्पणी:
चुनाव आयोग ने कहा कि आंकड़ों के अनुमानों के आधार पर मतदाता सूची को गलत ठहराना विधिक रूप से स्वीकार्य नहीं है। मतदाता सूची केवल उसी डेटा पर आधारित होती है जो नागरिक स्वयं आवेदन के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं।
निष्कर्ष:
चुनाव आयोग का यह बयान विपक्ष के आरोपों को निराधार बताने की दिशा में देखा जा रहा है। आयोग ने साफ किया कि महाराष्ट्र चुनावों से पहले सभी राजनीतिक दलों को मतदाता सूचियों की जानकारी दी गई थी, लेकिन कांग्रेस ने न तो मसौदा सूची के समय और न ही अंतिम सूची के समय कोई ठोस आपत्ति दर्ज कराई।
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