एसडीएम थप्पड़कांड में नरेश मीणा को राहत, समरावता हिंसा में रिहाई नहीं
राजस्थान हाईकोर्ट ने एसडीएम थप्पड़कांड में निर्दलीय नेता नरेश मीणा को जमानत दी है। हालांकि समरावता हिंसा और आगजनी मामलों में जमानत न मिलने के कारण वे अभी भी जेल में रहेंगे। यह मामला देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान सामने आया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने एसडीएम थप्पड़कांड में नरेश मीणा को जमानत दी, लेकिन समरावता हिंसा केस में राहत नहीं मिली। जानें पूरी खबर, घटनाक्रम और कानूनी स्थिति इस रिपोर्ट में।

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने नरेश मीणा को एसडीएम थप्पड़कांड मामले में जमानत दे दी है। हालांकि, वे अभी भी जेल में रहेंगे क्योंकि समरावता हिंसा और आगजनी से जुड़े अन्य गंभीर मामलों में उन्हें जमानत नहीं मिल सकी है।
यह मामला 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा उपचुनाव के दिन सामने आया था, जब टोंक जिले के समरावता गांव में मतदान बहिष्कार के दौरान नरेश मीणा ने मौके पर मौजूद एसडीएम अमित चौधरी को कथित रूप से थप्पड़ मार दिया था। इस घटना के तुरंत बाद हालात बिगड़ गए और भीड़ ने कई वाहनों में आग लगा दी, जिससे क्षेत्र में भारी तनाव फैल गया।
पुलिस ने मामले में तेज़ कार्रवाई करते हुए नरेश मीणा सहित 63 लोगों को गिरफ्तार किया और चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इस घटना के विरोध में नरेश मीणा के समर्थकों ने भी उग्र प्रदर्शन किए, जिससे प्रशासन को अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने पड़े।
हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत केवल एसडीएम से मारपीट के मामले तक सीमित है। समरावता हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी जैसे गंभीर आरोपों में उनकी याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है। इस कारण वे फिलहाल जेल में ही रहेंगे।
यह मामला न केवल कानून व्यवस्था बल्कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और शांति पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में न्यायिक प्रक्रिया किस दिशा में जाती है और नरेश मीणा को बाकी मामलों में कब तक राहत मिलती है।
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