सांस्कृतिक रंग में रंगी दिल्ली: रूट केयर फाउंडेशन के 10वें स्थापना दिवस पर संजोली पांडेय ने लोक गीतों से बांधा समा
दिल्ली में रूट केयर फाउंडेशन के 10वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में लोकगायिका संजोली पांडेय ने अपनी सुरीली आवाज से महफिल लूटी। सांसद मनोज तिवारी समेत कई गणमान्य अतिथियों ने की शिरकत।

नई दिल्ली ( Sanjoli Pandey ): सामाजिक सरोकारों के क्षेत्र में सक्रिय रूट केयर फाउंडेशन ने अपनी स्थापना के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। इस विशेष अवसर पर देशभर से अनेक गणमान्य व्यक्तित्वों और सांस्कृतिक कलाकारों की उपस्थिति ने आयोजन को यादगार बना दिया।
लोकगायिका संजोली पांडेय ने लूट ली महफिल -
अपने मधुर स्वर और लोक-संगीत के प्रति समर्पण के लिए जानी जाने वाली संजोली पांडेय ने अपने शानदार प्रस्तुतीकरण से न सिर्फ दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया, बल्कि मंच को एक लोक-संगीत महोत्सव में तब्दील कर दिया। कार्यक्रम के दौरान उन्हें सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में योगदान के लिए विशेष सम्मान से नवाज़ा गया।
राजनीति और प्रशासन की जानी-मानी हस्तियों की रही मौजूदगी
इस भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नेता, सांसद और प्रसिद्ध भोजपुरी गायक मनोज तिवारी ने शिरकत की। उन्होंने फाउंडेशन की समाजसेवा की दिशा में की गई मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि "ऐसे संगठन देश में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होते हैं।"
विशिष्ट अतिथियों में शामिल रहे:
- डॉ. प्रो. राजेश मल्होत्रा
- आईपीएस अधिकारी विजय कुमार
- भाजपा विधायक चंदन चौधरी
- एम्स दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संदीप
- वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संध्या गुप्ता
रूट केयर फाउंडेशन: सेवा के 10 वर्ष
फाउंडेशन के संस्थापक व एम्स दिल्ली में कार्यरत डॉ. मंजेश पांडे और उनकी पत्नी सोनिया चौहान ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए फाउंडेशन की 10 वर्षों की यात्रा और उपलब्धियों को साझा किया। संगठन द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समा -
कार्यक्रम में संजोली पांडेय के अलावा शम्भू सोनी, विवेक पांडेय और दिव्या मौर्य ने भी अपनी शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। रंगारंग कार्यक्रम और सम्मान समारोह के माध्यम से एक ओर जहां समाजसेवा का संदेश दिया गया, वहीं दूसरी ओर भारतीय संस्कृति की झलक भी प्रस्तुत की गई।
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