Rajasthan - जमीन से पानी निकालने पर पैसा वसूलेगी सरकार, विधानसभा में पास हुआ बिल

राजस्थान भूजल (संरक्षण और प्रबंध) बिल 2025 पारित: ट्यूबवेल के लिए लाइसेंस, पानी निकालने पर टैरिफ अनिवार्य। डार्क जोन में बिना अनुमति पानी निकालने पर 6 महीने की सजा और 1 लाख जुर्माना।

Sep 10, 2025 - 22:04
 0
Rajasthan - जमीन से पानी निकालने पर पैसा वसूलेगी सरकार, विधानसभा में पास हुआ बिल

जयपुर : राजस्थान विधानसभा ने बुधवार को राजस्थान भूजल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण बिल 2025 को मंजूरी दे दी है। इस नए कानून के तहत अब ट्यूबवेल या अन्य माध्यमों से जमीन से पानी निकालने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। साथ ही, कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए पानी की मात्रा के आधार पर टैरिफ देना होगा। डार्क जोन में बिना अनुमति ट्यूबवेल खोदने पर 6 महीने की सजा और 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

भूजल प्रबंध प्राधिकरण की स्थापना - 

बिल के तहत राज्य स्तर पर भूजल संरक्षण और प्रबंध प्राधिकरण बनाया जाएगा। यह प्राधिकरण ट्यूबवेल खोदने के लाइसेंस, बोरिंग रिग के रजिस्ट्रेशन और भूजल दोहन को नियंत्रित करने का काम करेगा। डार्क जोन में पानी निकालने पर सख्त पाबंदी होगी। प्राधिकरण भूजल की स्थिति पर नजर रखेगा और राज्य सरकार को सिफारिशें देगा।

ट्यूबवेल के लिए अनुमति और टैरिफ - 

नए नियमों के अनुसार, ट्यूबवेल या अन्य माध्यमों से पानी निकालने के लिए भूजल प्रबंध प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए आवेदन करना होगा और तय फीस देनी होगी। पानी की मात्रा मापने के लिए मीटर लगाया जाएगा, जिसके आधार पर टैरिफ वसूला जाएगा। यह नियम खास तौर पर उद्योगों और कॉमर्शियल उपयोग के लिए लागू होगा।

डार्क जोन में सख्ती - 

डार्क जोन में बिना अनुमति ट्यूबवेल खोदने या पानी निकालने पर कड़ी कार्रवाई होगी। 6 महीने की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। बिल में भूजल दोहन को नियंत्रित करने के लिए कई प्रावधान शामिल हैं, जो भूजल संरक्षण को बढ़ावा देंगे।

राज्य भूजल प्रबंध प्राधिकरण में तकनीकी विशेषज्ञों को अध्यक्ष और सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसमें दो विधायक भी शामिल होंगे। जिला स्तर पर जिला भूजल संरक्षण और प्रबंध समिति बनाई जाएगी, जो भूजल संरक्षण और प्रबंधन योजनाएं तैयार करेगी।

राज्यपाल की मंजूरी के बाद बन जाएगा कानून - 

बिल को दो बार प्रवर (सिलेक्ट) कमेटी को भेजा गया था, जिसके सुझावों को शामिल करने के बाद इसे पारित किया गया। अब यह बिल राज्यपाल की मंजूरी के लिए जाएगा। मंजूरी के बाद नियम बनाए जाएंगे, और फिर प्रावधान लागू होंगे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Jitendra Meena Jitendra Meena is a senior journalist and writer, he is also the Editor of Mission Ki Awaaz, Jitendra Meena was born on 07 August 1999 in village Gurdeh, located near tehsil Mandrayal of Karauli district of Rajasthan ( India ). Contact Email : Jitendra@MissionKiAwaaz.in